किसानों के समर्थन में कल उपवास रखेंगे केजरीवाल, केंद्र से की कानून वापस लेने की मांग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखने का फैसला किया है। उन्होंंने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी ऐसा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सब लोगों के लिए प्रदर्शन स्थल पर जाकर किसानों का साथ संभव नहीं है। वो अपने घर से उपवास कर किसानों का समर्थन कर सकते हैं। आइये, जानते हैं कि उन्होंने इसके अलावा और क्या कहा।
सरकार को वापस लेने चाहिए तीनों कानून- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि केवल हरियाणा और पंजाब के किसान प्रदर्शन में शामिल है। यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने आगे कहा कि देशभर के किसान मुसीबत में हैं। अब तक जमाखोरी गैरकानूनी है। नए कानूनों से यह कानूनी हो जाएगी, जिस कारण महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से अंहकार छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि तीनों कानून वापस लेकर सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नया कानून लाना चाहिए।
आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए- केजरीवाल
उन्होंने कहा कि सरकारें जनता से बनती हैं, जनता सरकारों से नहीं बनतीं। अगर लोगों को ये तीनों कानून पसंद नहीं आ रहे तो इन्हें तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार के कुछ मंत्री और भाजपा के लोग बोल रहे हैं कि यह देशद्रोहियों का आंदोलन है। इस आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
केजरीवाल ने पूछा- क्या किसानों का समर्थन करने वाले सब लोग देशद्रोही?
केजरीवाल ने कहा कि प्रदर्शन में पूर्व सैनिक बैठे हैं, कितने ही खिलाड़ी इस प्रदर्शन में शामिल में हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम किया और मेडल जीतकर लाए। सब लोग किसानों का समर्थन कर रहे हैं। क्या ये सब लोग देशद्रोही हैं?
किसानों से मुलाकात कर चुके हैं केजरीवाल
केजरीवाल इससे पहले भी कई बार किसान आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जाहिर कर चुके हैं। उनकी सरकार ने पुलिस को दिल्ली के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल में बदलने की इजाजत नहीं दी थी। उसके बाद केजरीवाल अपने मंत्रीमंडल के साथ सिंघु बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे थे। उन्होंने वहां पर दिल्ली सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। उन्होने तब कहा था कि वो 'सेवादार' के तौर पर किसानों के बीच आए हैं।
एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे किसान
दिल्ली की बॉर्डर पर डटे किसान संगठनों के नेताओं ने सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान कल सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस दौरान देश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना भी दिया जाएगा। याद दिला दें कि किसान पहले ही 14 दिसंबर से अपना प्रदर्शन तेज करने की बात कह चुके हैं।
सरकार और किसानों के बीच नहीं बन रही बात
बीते कई दिनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और सरकार के बीच गतिरोध का समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। सरकार कानूनों में संशोधन की बात कह रही है, लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, उनका आंदोलन जारी रहेगा। अपनी मांगों के लिए किसान 9 दिसंबर को भारत बंद भी बुला चुके हैं। आज भी किसानों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए दिल्ली-जयपुर हाइवे बाधित किया था।
किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।