भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन किया
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने देश में अपनी संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी पाने के लिए आवेदन किया है। पूरी तरह से देश में तैयार की जा रही इस वैक्सीन को हरी झंडी दिखाने के लिए कंपनी ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को आवेदन भेजा है। इस वैक्सीन को कोवैक्सिन के नाम से जाना जा रहा है। इससे पहले फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ऐसी मंजूरी के लिए आवेदन कर चुकी हैं।
ICMR के साथ मिलकर वैक्सीन पर काम कर रही है भारत बायोटेक
भारत बायोटेक भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर इस वैक्सीन पर काम कर रही है। देश में SII की कोविशील्ड की तरह कोवैक्सिन के भी तीसरे चरण के ट्रायल जारी हैं। तीसरे चरण में कोवैक्सिन को 18 साल से अधिक उम्र के लगभग 28,500 लोगों पर टेस्ट किया जा रहा है। इसके लिए 10 राज्यों के 25 शहरों के अस्पतालों को चुना गया है। इनमें से कई जगह ट्रायल शुरू हो गए हैं।
"कम से कम 60 फीसदी प्रभावी होगी वैक्सीन"
भारत बायोटेक के क्वालिटी ऑपरेशन के प्रमुख साई डी प्रसाद ने बताया था कि कंपनी को उम्मीद है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाव में कम से कम 60 फीसदी प्रभावी साबित होगी। अंतिम नतीजे आने पर यह ज्यादा असरदार साबित हो सकती है।
हाल ही में सुर्खियों में रही थी कोवैक्सिन
हाल ही में कोवैक्सिन उस समय सुर्खियों में आई थी, जब हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोना संक्रमित पाए गए थे। दरअसल, विज ने कोवैक्सिन के ट्रायल में हिस्सा लिया था और उन्हें वैक्सीन की एक खुराक दी गई थी। 5 दिसंबर को उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद कंपनी ने सफाई देते हुए कहा था कि उनकी वैक्सीन दो खुराक दिए जाने पर असर करती है और विज को केवल एक खुराक दी गई थी।
देश में सबसे पहले फाइजर ने मांगी थी अनुमति
भारत में सबसे पहले फाइजर ने अपनी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी पाने के लिए आवेदन किया था। कंपनी ने भारत में क्लिनिकल ट्रायल से भी छूट मांगी है। फाइजर ने जर्मन कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर यह वैक्सीन तैयार की है। कंपनी का दावा है कि संक्रमण से बचाव में यह 95 फीसदी प्रभावी है। यूनाइटेड किंगडम (UK) और बहरीन में इस वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।
SII ने भी दिया आवेदन
फाइजर के बाद SII ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। SII ने इस वैक्सीन के ट्रायल और उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ समझौता किया था। SII का कहना है कि यह वैक्सीन सुरक्षित है और इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। सीरम इंस्टीट्यूट ने अपने आवेदन में यूनाइटेड किंगडम (UK), भारत और ब्राजील में हुए एक-एक क्लिनिकल ट्रायल के आंकड़े उपलब्ध कराए हैं।