सेना पर राजनीति: एयर स्ट्राइक और शहीदों के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी ने मांगे वोट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अक्सर विपक्ष पर सेना को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हैं। लेकिन इस बीच वो खुद अपने राजनीतिक फायदे के लिए सेना के कामों का इस्तेमाल करने से बिल्कुल नहीं चूकते। इसकी एक और बानगी आज मंगलवार को महाराष्ट्र के लातूर में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में देखने को मिली, जब उन्होंने पहली बार वोट डाल रहे मतदाताओं से बालाकोट एयर स्ट्राइक और पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के नाम पर वोट मांगे।
'क्या आपका वोट पुलवामा के वीर शहीदों के नाम हो सकता है?'
मोदी ने रैली में अपने भाषण के जरिए पहली बार वोट डाल रहे मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की और देश को और मजबूत करने के लिए भाजपा को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा, "क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है? क्या पहला वोट पुलवामा में जो वीर शहीद हुए, उन वीर शहीदों के नाम आपको वोट समर्पित हो सकता है?"
प्रधानमंत्री मोदी की अपील
इन मुद्दों पर भी मांगा वोट
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही अन्य मुद्दों पर भी पहली बार वोट डाल रहे मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "गरीब को पक्का घर मिले, क्या इसके लिए आपका वोट समर्पित हो सकता है? किसान के खेत में पानी पहुंचे, इसके लिए इसके लिए आपका वोट जाना चाहिए या नहीं जाना चाहिए। गरीब से गरीब को आरोग्य की सेवा मिले, आयुष्मान भारत योजना सफल हो, इसके लिए आपका वोट जाना चाहिए या नहीं जाना चाहिए?"
योगी ने सेना को कहा था 'मोदी की सेना'
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेना को 'मोदी की सेना' कहा था, जिसे लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें सख्त हिदायत दी थी। योगी के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी सेना को 'मोदी की सेना' कहकर संबोधित किया था।
कुछ ऐसा है सेना पर राजनीति का हाल
भाजपा विपक्ष पर सेना को लेकर राजनीति करने और पाकिस्तान की भाषा बोलने की आरोप लगाती है। वहीं, विपक्ष मोदी सरकार पर खुलेआम सेना की उपलब्धियों का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाता है। उनका आरोप है कि भाजपा ऐसा जताती है जैसे केवल उसे देश की चिंता है और उसके विरोधी देशद्रोही हैं। बीते दिनों लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा नेताओं को इसके लिए चेताया भी था और कहा था कि विरोधियों को देशद्रोही बोलना भाजपा की संस्कृति नहीं है।