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लोकसभा में पारित हुआ तीन तलाक विधेयक, अब राज्यसभा पर नजर

लोकसभा में पारित हुआ तीन तलाक विधेयक, अब राज्यसभा पर नजर

Dec 28, 2018
11:22 am

क्या है खबर?

लोकसभा में भारी हंगामे के बीच गुरुवार को तीन तलाक विधेयक (2018) पास हो गया। अब इस विधेयक को राज्यसभा में भेजा जाएगा। राज्यसभा से पारित होने के बाद ही यह विधेयक कानून का रूप ले पाएगा। लोकसभा में मतदान के समय मौजूद 256 सांसदों में से 245 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष और 11 सांसदों ने विरोध में मत दिया। जबकि कांग्रेस, AIADMK, DMK, समाजवादी पार्टी समेत कई विरोधी दलों के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया था।

कानून

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था कानून बनाने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2017 में तलाक-ए-बिद्दत (एक साथ तीन तलाक) प्रथा को अंसवैधानिक करार देते हुए सरकार को कानून बनाने का आदेश दिया था। इसके बाद सरकार ने दिसंबर 2017 में मुस्लिम महिला विधेयक लोकसभा में पारित किया था, लेकिन यह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था। अब एक बार फिर लोकसभा ने इसे पारित कर राज्यसभा में भेजा है। राज्यसभा में इसे पास कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।

जानकारी

सरकार लेकर आई अध्यादेश

राज्यसभा में बिल अटकने के बाद सरकार सितंबर में अध्यादेश लेकर आई थी। इस अध्यादेश की अवधि छह महीने है। इस सत्र के दौरान अगर यह बिल पास नहीं होता है तो सरकार को एक बार फिर अध्यादेश लाना होगा।

संशोधन

विधेयक में हुए संशोधन

पिछली बार राज्यसभा में बिल अटकने के बाद इसमें संशोधन के लिए सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा गया था। उसके बाद बिल में मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत का प्रावधान, समझौते का विकल्प और महिला या महिला के सगे रिश्तेदारों द्वारा शिकायत देने के संशोधन किए गए। इनके अलावा लोकसभा में चर्चा के दौरान कई संशोधन पेश किए गए जो गिर गए। कांग्रेस पहले इस विधेयक के समर्थन में थी, लेकिन मतदान के दौरान वॉकआउट कर गई।

राज्यसभा

राज्यसभा में सरकार के सामने चुनौती

लोकसभा में सरकार के पास बहुमत होने के कारण बिल आसानी से पास हो गया। अब असली चुनौती राज्यसभा में होगी। राज्यसभा में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन NDA के कुल 86 सांसद है, वहीं विपक्ष के सांसदों की संख्या 97 है। जबकि TRS के 6, BJD के 9 और AIADMK के 13 सांसद किसी भी खेमे में नहीं है। AIADMK के मतदान के समय वॉकआउट करने के बाद अब पार्टी के रूख पर संशय बना हुआ है।

जानकारी

विपक्ष की मांग

विपक्षी दल इस बिल को संयुक्त सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों की आपत्ति बिल में सजा के प्रावधान पर है। विपक्ष का कहना है कि इसमें सजा पाने वाले व्यक्ति के परिवार का ध्यान नहीं रखा गया है।

विधेयक

कानून मंत्री ने कहा- महिलाओं के इंसाफ के लिए लाया गया विधेयक

लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह विधेयक किसी समुदाय, धर्म, आस्था के खिलाफ नहीं बल्कि महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2018 से 10 दिसंबर के बीच तीन तलाक के करीब 477 मामले सामने आएं है। इन्हीं वजहों को ध्यान में रखकर हम अध्यादेश लाए थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से इस विधेयक का विरोध नहीं किया जाना चाहिए।