कोरोना का खतरा, चुनाव आयोग ने नतीजों के बाद विजयी जुलूसों पर रोक लगाई
क्या है खबर?
देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने 2 मई को विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के बाद विजयी जुलूसों पर रोक लगा दी है।
आयोग ने कहा है कि वह निर्वाचन अधिकारियों की तरफ से मिले सुझावों के आधार पर अपनी गाइडलाइंस को कड़ा कर रहा है।
गौरतलब है कि 2 मई को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों के नतीजों का ऐलान होना है।
चुनाव आयोग
आदेश में क्या कहा गया है?
27 अप्रैल को जारी आयोग के आदेश में कहा गया है कि 2 मई को मतगणना के बाद राजनीतिक पार्टियों और विजेता उम्मीदवारों को विजयी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी।
साथ ही इसमें कहा गया है कि रिटर्निंग अधिकारी से जीत का सर्टिफिकेट लेने के लिए विजयी उम्मीदवार या उसकी तरफ से अधिकृत किए गए प्रतिनिधि के साथ दो से अधिक लोग नहीं जा सकेंगे।
आयोग का यह आदेश मद्रास हाई कोर्ट की फटकार के बाद सामने आया है।
नियमों का उल्लंघन
मद्रास हाई कोर्ट ने आयोग को लगाई थी फटकार
चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान कोरोना से बचाव के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ी थीं।
इसे लेकर सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए उसे महामारी के प्रसार का जिम्मेदार ठहराया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की बात भी कही।
कोर्ट ने आयोग से पूछा कि जब रैलियां हो रही थीं, तब आप दूसरे ग्रह पर थे?
टिप्पणी
पार्टियों ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया- कोर्ट
सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और जस्टिस सेंथिल कुमार राममूर्ति की पीठ ने माना कि चुनावों में राजनीतिक दलों ने कोरोना प्रोटोकॉल का जमकर उल्लंघन किया और आयोग उसे रोकने में नाकाम रहा।
हाईकोर्ट ने महामारी के प्रसार के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को रैलियां करने की इजाजत कैसे दे दी?
सुनवाई
हाई कोर्ट ने दी मतगणना पर रोक लगाने की दी थी चेतावनी
हाई कोर्ट ने आयोग को 30 अप्रैल तक 2 मई को होने वाली मतगणना में कोरोना महामारी संबंधी प्रोटोकॉल की पालना के लिए तैयार योजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि 2 मई से पहले कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को लेकर कोई ब्लूप्रिंट नहीं दिया तो वह मतगणना पर रोक भी लगा सकता है। कोर्ट ने कहा कि स्थिति अब अस्तित्व और सुरक्षा की है। इसके बाद सब कुछ आता है।
कोरोना वायरस
देश में क्या है संक्रमण की स्थिति?
भारत में बीते दिन कोरोना के 3,23,144 नए मामले सामने आए और 2,771 मरीजों की मौत हुई। बीते कई दिनों से रोजाना तीन लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,76,36,307 हो गई है। इनमें से 28,82,204 सक्रिय मामले हैं और1,97,894 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
अमेरिका के बाद भारत महामारी से दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश बना हुआ है।