मुंबई में ED की बड़ी कार्रवाई, सर्राफा कंपनी के निजी लॉकर्स से 431 किलो सोना-चांदी जब्त
क्या है खबर?
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
ED ने एक सर्राफा कंपनी के निजी लॉकर्स की जांच करते हुए उनमें से 431.5 किलो सोना और चांदी बरामद किया है। बाजार में इस सोने और चांदी की कीमत 47 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
जांच में यह भी सामने आया है कि कंपनी के इन सभी लॉकर्स का संचालन उचित नियमों का पालन किए बिना किया जा रहा था।
तलाशी
ED ने ली 761 लॉकर्स की तलाशी
ED अधिकारियों ने बताया कि पारेख एल्युमिनेक्स लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में रक्षा बुलियन और क्लासिक मार्बल्स के चार ठिकानों की तलाशी ली गई थी। इस दौरान रक्षा बुलियन के परिसर से 761 निजी लॉकर्स की चाबियां मिलीं।
अधिकारियों ने बताया कि लॉकर्स की जांच में दो लॉकरों में 91.5 किलो सोना और 152 किलो चांदी बरामद हुई। इसी तरह अन्य लॉकर्स से 188 किलो चांदी बरामद हुई। इन सभी को जब्त कर लिया है।
संचालन
नियम विरुद्ध संचालित किए जा रहे थे लॉकर्स
ED अधिकारियों ने बताया कि लॉकर्स में मिले सोने और चांदी की कीमत 47.76 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह भी सामने आया कि लॉकर्स का संचालन नियम विरुद्ध किया जा रहा था। इनके संचालन में केवाईसी का पालन नहीं किया गया और परिसर में कोई CCTV कैमरा नहीं लगा था।
अधिकारियों ने बताया कि लॉकर्स के संचालन के लिए आने वाले लोगों की जानकारी के लिए किसी भी प्रकार का कोई रजिस्टर संचालित नहीं किया जा रहा था।
मामला
2,296 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला
अधिकारियों ने बताया कि यह मामला बैंकों से 2,296.58 करोड़ रुपये की ऋण धोखाधड़ी का हैं। इस संबंध में 2018 में पारेख एल्युमिनेक्स लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्डि्रंग का मामला दर्ज किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने ऋण का पैसा विभिन्न कंपनियों के माध्यम से लेयरिंग करके निकाल लिया था। कंपनी ने असुरक्षित ऋण और निवेश के संदर्भ में पैसा विभिन्न खातों में भेजा दिया था, जबकि ऋण की शर्तों में ऐसा नहीं था।
कार्रवाई
पहले भी कार्रवाई कर चुका है ED
ED अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में कंपनी के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की जा चुकी है। टीम ने जुलाई 2019 में कंपनी के ठिकानों पर छोपेमारी करते हुए 46.97 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्क की थी।
इसके अलावा सितंबर 2018 में 158.26 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
अधिकारियों ने बताया कि कंपनी के जांच में सहयोग नहीं करने के कारण मामले की जांच लंबी खिंचती जा रही है। आगे भी कार्रवाई जारी रखी जाएगी।