नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया गांधी ने ED से किया पूछताछ टालने का अनुरोध
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से नेशनल हेराल्ड मामले में उनकी पेशी को टालने का अनुरोध किया है। ED ने सोनिया को कल पूछताछ के लिए बुलाया है, हालांकि हाल ही में कोरोना वायरस के संक्रमण से रिकवर होने वाली सोनिया ने उसे पत्र लिख पेश होने के लिए थोड़ा और समय मांगा है। डॉक्टरों ने सोनिया को आराम करने की सलाह दी हुई है और ये पूछताछ टालने के उनके अनुरोध का कारण हो सकता है।
कोरोना संक्रमित होने के कारण पहले भी टाली जा चुकी है सोनिया से पूछताछ
ED एक बार पहले भी सोनिया की पेशी को टाल चुका है। पहले उन्हें 8 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन 2 जून को ही वो कोरोना संक्रमित हो गईं। इसके बाद दूसरा समन जारी कर उन्हें 23 जून को पेश होने को कहा गया। हालांकि इस बीच कोविड संबंधी समस्याओं के कारण सोनिया लगभग एक हफ्ते दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती रहीं। दो दिन पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली है।
राहुल गांधी से हो चुकी है 50 घंटे से अधिक पूछताछ
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया के बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से भी पूछताछ की जा रही है। अभी तक उन्हें पांच बार पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है और कुल 50 घंटे से अधिक पूछताछ हुई है। मंगलवार को हुई आखिरी पेशी में उनसे लगभग 11 घंटे पूछताछ की गई। इससे पहले पिछले हफ्ते सोमवार और मंगलवार को उनसे रोजाना 10-11 घंटे पूछताछ की गई थी, वहीं बुधवार को लगभग आठ घंटे पूछताछ हुई थी।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
साल 2013 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर करते कांग्रेस नेता राहुल और सोनिया गांधी पर नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए इसका गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया और इससे कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हथिया ली। YIL में 38-38 प्रतिशत यानी 76 प्रतिशत शेयर राहुल और सोनिया के पास हैं।
YIL ने कैसे किया AJL पर कब्जा?
AJL ने घाटे के कारण 2008 में नेशनल हेराल्ड और अन्य अखबारों को बंद कर दिया। उस समय उस पर कांग्रेस का 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस ने इस कर्ज वसूली का अधिकार YIL नामक कंपनी को दे दिया, जिसने इसके बदले में 10 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर AJL के नौ करोड़ शेयर खरीद लिए। इससे AJL के 99 प्रतिशत शेयर YIL के पास आ गए और वह इसकी मालिक कंपनी बन गई।