कोलकाताः जादू दिखाने नदी में कूदा जादूगर हुआ लापता, तलाशी अभियान जारी
कोलकाता में जादू दिखाने नदी में कूदा जादूगर लापता हो गया है। रविवार को हुई इस घटना के बाद से अभी तक जादूगर हुगली नदी से वापस नहीं आया है। आशंका जताई जा रही है कि वह डूब गया है। दरअसल, कोलकाता में 41 वर्षीय जादूगर चंचल एक पिंजरे में बंद होकर नदी में जाते हैं और फिर पिंजरा खोलकर वापस आ जाते हैं। वो ऐसा एक बार 2013 में कर चुके हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं कर पाए।
पिंजरे में बंद होकर नदी में गए
चंचल लाहिरी, 'मैंड्रेक' के नाम से मशहूर हैं। रविवार को उन्होंने भीड़ के सामने जादू दिखाने के लिए खुद को बांधा और एक पिंजरे में बंद कर लिया। इसके बाद पिंजरे को क्रेन की मदद से हुगली नदी में छोड़ दिया। मैंड्रेक को पानी के अंदर से खुद को खोलकर और पिंजरे से आजाद होकर किनारे पर वापस लौटना था, लेकिन वो वापस नहीं लौटे। इसके बाद उनकी जांच शुरू की गई।
रविवार देर शाम तक नहीं मिले मैंड्रेक
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, जिलाधिकारी सैयद वकार रजा ने बताया कि जब मैंड्रेक काफी देर तक वापस नहीं लौटे तो लोगों को चिंता हुई। कुछ लोगों ने बताया कि एक आदमी नदी के बीच में मदद के लिए चिल्ला रहा था। इसके बाद पुलिस को मामले की जानकारी दी गई और गोताखोरों को बचाव अभियान पर लगाया गया। उन्होंने बताया कि रविवार देर शाम तक मैंड्रेक की तलाश जारी थी।
मामले की जांच शुरू
मैंड्रेक ने यह जादू दिखाने के लिए कोलकाता पुलिस और कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट से अनुमति ली थी, लेकिन उन्होंने इस पूरे काम का ब्यौरा नहीं दिया था। रजा ने बताया कि मैंड्रेक ने यह वो यह जादू एक समुद्री जहाज और नाव पर दिखाएंगे। इसमें पानी का कहीं कोई जिक्र नहीं था। हालांकि, उन्होंने अपने आवेदन में 'एक अतिरिक्त काम' का जिक्र किया था, लेकिन यह नहीं बताया था यह कि अतिरिक्त काम क्या होगा। इसकी जांच चल रही है।
2013 में दिखा चुके हैं ऐसा कारनामा
मैंड्रेक ने इससे पहले 2013 में उन्होंने खुद को छह ताले लगे छह फुट के पिंजरे में बंद किया था। उन्हें क्रेन की मदद से नदी में उतारा गया और सिर्फ छह सेकंड बाद वो पिंजरे से बाहर निकल आए थे। हालांकि, बाहर निकलने पर लोगों ने उनके साथ मारपीट की। लोगों का कहना था कि पिंजरे पर नकली दरवाजा लगा था और उनके साथ जादू के नाम पर धोखा किया गया है।