जनता के लिए खुला दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, अब 45 मिनट में पूरा होगा 2.5 घंटे का सफर

सुगम और आरामदायक सफर के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से मेरठ तक बनाया गया एक्सप्रेसवे गुरुवार को आज जनता के लिए खोल दिया गया है। इससे अब दिल्ली से मेरठ तक का सफर बहुत ही आसान होगा। इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से अब दिल्ली से मेरठ का सफर 2.5 घंटे की जगह महज 45 मिनट में ही पूरा हो सकेगा। इसी तरह गाजियाबाद से मेरठ जाने के लिए दो घंटे की जगह महज 30 मिनट का ही समय लगेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विट कर एक्सप्रेसवे के चालू होने की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, 'दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को यातायात के लिए खोल दिया गया है। हमने दिल्ली-मेरठ के बीच यात्रा का समय 2.5 घंटे से घटाकर 45 मिनट करने का अपना वादा पूरा किया है।' बता दें कि अभी तक सहारनपुर और देहरादून जाने के लिए मोदी नगर, मुरादनगर जैसे जाम भरे रास्तों से गुजरना पड़ता था। जिसमें काफी समय लगता था।
Delhi Meerut Expressway has now been completed opened to traffic. We have full filled our promise of reducing travel time between Delhi - Meerut from 2.5 hours to 45 minutes. #PragatiKaHighway pic.twitter.com/OgFyOJ5QLs
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) April 1, 2021
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कार 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। अन्य वाहनों की रफ्तार 80 होगी। परियोजना निदेशक ने बताया एक्सप्रेसवे का डिजाइन 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से कार चलाने का है, लेकिन खंड चार पर 100 की रफ्तार रहेगी। उन्होंने बताया कि खंड-2 और खंड-3 डासना से हापुड़ के बीच रफ्तार 100 और 80 की है। दुविधा को खत्म करने के लिए खंड चार में भी 100 और 80 की रफ्तार रखी गई है।
परियोजना निदेशक ने बताया कि खंड एक यानी दिल्ली क्षेत्र में एक्सप्रेसवे पर वाहनों की रफ्तार को ट्रैफिक की अधिकता को देखते हुए 70 किलोमीटर प्रति घंटा रखा गया है, लेकिन इसे बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसके बाद सफर और आसान हो जाएगा।
परियोजना निदेशक ने बताया कि फिलहाल एक्सप्रेसवे का ट्रायल चल रहा है। इसका औपचारिक उद्घाटन बाद में किया जाएगा। इसी तरह अभी किसी भी खंड पर टोल प्लाजा नहीं बने हैं। केवल बूथ ही तैयार हो सके हैं। उनमें कंप्यूटर लगाने और बिजली कनेक्शन का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि टोल शुरू होने में पांच से सात दिन का समय लगेगा। जब तक टोल तैयार नहीं हो जाते तब तक वाहन चालकों से टोल वसूली नहीं की जाएगी।
82.01 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे की कुल लागत 8,346 करोड़ रुपये है। यह पूरी तरह सिग्नल फ्री है और इस पर सुंदरता के लिए कुतुब मीनार, अशोक स्तंभ जैसे स्मारक चिह्न भी लगाए जाएंगे। इसी तरह एक्स्प्रेसवे के दोनों तरफ वर्टिकल गार्डन विकसित होंगे और इसके दोनों तरफ ढाई मीटर का साइकिल ट्रैक भी बनाया जा रहा है। ऊर्जा की बचत के लिए सोलर सिस्टम से जलने वाली लाइटें, -10 इमरजेंसी कॉल बूथ बनाए गए हैं।
परियोजना निदेशक ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण चार चरणों में पूरा किया गया है। पहले चरण में निजामुद्दीन से यूपी गेट (DME) तक 8.7 किमी का निर्माण किया गया था। इसी तरह दूसरे चरण में यूपी गेट से डासना तक 19.38 किमी, तीसरे चरण में डासना से हापुड़ तक 22.2 किमी और चौथे चरण में डासना से मेरठ (DME) तक 31.73 किमी एक्सप्रेसवे का निर्माण किया गया है। इसकी नींव 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।
एक्सप्रेसवे के बीच पड़ने वाले गांवों के आवागमन के लिए कुल 95 अंडरपास बनाए गए हैं। इसी तरह 24 छोटे और बड़े पुल, 10 फ्लाईओवर, तीन रेलवे पुल, 15 भूमिगत पैदल पार पथ और 12 उपरगामी पैदल पार पथ भी बनाए गए हैं।