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अनिल अंबानी ऋण धोखाधड़ी मामला: ED ने बिस्वाल ट्रेडलिंक के प्रबंध निदेशक को किया गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी ऋण धोखाधड़ी मामले में की पहली गिरफ्तारी

अनिल अंबानी ऋण धोखाधड़ी मामला: ED ने बिस्वाल ट्रेडलिंक के प्रबंध निदेशक को किया गिरफ्तार

Aug 02, 2025
10:59 pm

क्या है खबर?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उद्योगपति अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली व्यावसायिक संस्थाओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शनिवार को पहली गिरफ्तारी कर ली। ED ने बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज FIR पर आधारित है। FIR में कंपनी के खिलाफ भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) में फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के आरोप हैं।

गारंटी

BTPL ने तैयार की थी फर्जी बैंक गारंटी

ED की जांच के अनुसार, BTPL ने धोखाधड़ी से 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी तैयार की, जिसके लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के जाली समर्थन और फर्जी SBI ईमेल आईडी का इस्तेमाल करके फर्जी पुष्टिकरण ईमेल तैयार किए गए। इस फर्जी गारंटी का इस्तेमाल SECI द्वारा जारी एक टेंडर को समर्थन देने के लिए किया गया। इस फर्जी बैंक गारंटी के बदले रिलायंस पावर लिमिटेड से कंपनी को 5.40 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में मिले थे।

जांच

बिना जानकारी के खाते संचालित कर रही थी BTPL

जांच में सामने आया कि 2019 में शुरू हुई BTPL बिना आधिकारिक रिकॉर्ड के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रही थी। कंपनी के लेनदेन उसके घोषित टर्नओवर से ज्यादा हैं। कंपनी के पंजीकृत कार्यालय पर जरूरी दस्तावेज भी नहीं मिले। जांच में पाया गया कि कई फर्जी निदेशकाें को सिर्फ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। कंपनी के 7 बैंक खातों में करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा ट्रैक किया गया है।

प्रकरण

3,000 करोड़ रुपये का ऋण घोटाला क्या है?

दरअसल, रिलायंस समूह की कंपनियों को 2017-2019 के बीच यस बैंक से करीब 3,000 करोड़ रुपये का लोन मिला था। ED की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोन को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और समूह की अन्य इकाइयों में भेजा गया। अधिकारियों का कहना है कि लोन जारी करने से पहले यस बैंक के प्रवर्तकों से जुड़ी संस्थाओं को कुछ राशि मिली थी। ED को संदेह है कि ये बैंक अधिकारियों को मिली रिश्वत थी।