बाटला हाउस एनकाउंटर: इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी आरिज खान दोषी करार, 15 मार्च को होगी सजा
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में आतंकी सगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के आरिज खान को दोषी करार दिया है। अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 186, 353, 333, 302, 207, 174A और 34 के तहत दोषी पाया है। सजा का ऐलान 15 मार्च को किया जाएगा। एनकाउंटर के वक्त आरिज भागने में कामयाब रहा था। लगभग एक दशक बाद उसे फरवरी, 2018 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
कब हुआ था बाटला हाउस एनकाउंटर?
13 सितंबर, 2008 को दिल्ली में सिलेसिलेवार पांच धमाके हुए थे। इनकी जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन ने ली थी। इन धमाकों की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल 19 सितंबर, 2008 को बाटला हाउस की L-18 नंबर इमारत में पहुंची। यहां पर पुलिस की इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकियों से मुठभेड़ हुई। दोनों तरफ से गोलियां चलने से दो संदिग्ध आतंकियों की मौत हो गई और एक गोली इंस्पेक्टर एमसी शर्मा को लगी और उन्होंने बाद में दम तोड़ दिया।
आरिज की गोली से हुई इंस्पेक्टर शर्मा की मौत- अदालत
NBT के अनुसार, अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह साबित हो चुका है कि आरिज और उसके सहयोगियों ने जानबूझकर सरकारी कर्मचारियों को चोट पहुंचाई थी। आरिज ने इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा पर गोली चलाई थी, जिससे उनकी जान गई।
कई धमाकों का आरोपी है आरिज खान
NDTV के अनुसार, बाटला हाउस एनकाउंटर में दोषी करार दिया गया आंतकी आरिज खान दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश की कई अदालतों में हुए धमाकों का भी आरोपी है। बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद से ही वह फरार था। एनकाउंटर के बाद आरिज खान के साथ फरार हुआ दूसरा दोषी शहजाद अहमद भी गिरफ्तार होकर सजा काट रहा है। आठ साल पहले उसे इसी मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
खुद को निर्दोष बता रहा था आरिज
इस मामले में सुनवाई के दौरान पिछले साल सितंबर में आरिज ने कहा था कि उस इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है। इसके बाद पटिलाया हाउस अदालत में आखिरी बार दलील देते हुए उसके वकील ने कहा कि एनकाउंटर के समय आरिज के उस इमारत में उपस्थित होने या किसी भी तरह से संबंधित होने के कोई सबूत नहीं है। हालांकि, उसकी दलील कोई काम नहीं आई और अदालत ने उसे दोषी करार दे दिया।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है आरिज
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला आरिज खान कई अदालतों में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड बताया जाता है। गिरफ्तारी से पहले उस पर 15 लाख रुपये का ईनाम था। इंजीनियरिंग कर चुका आरिज बम बनाने में एक्सपर्ट माना जाता है। एनकाउंट के बाद वह नेपाल भाग गया। उसने वहां सलीम नाम से नेपाल का पासपोर्ट हासिल किया। इसी दौरान वह रियाज भटकल के संपर्क में आया, जिसने आरिज को इंडियन मुजाहिद्दीन को फिर से खड़ा करने को कहा।
पुलिस के हत्थे कैसे चढ़ा आरिज?
अपने आतंकी संगठन को मजबूत करने के लिए आरिज 2014 में सऊदी अरब भी गया था। यहां उसने इंडियन मुजाहिद्दीन और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोगों से मुलाकात की। 13 फरवरी, 2018 को वह भारत आया था। इसी दौरान खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने उसे भारत-नेपाल सीमा के करीब से गिरफ्तार कर लिया था। एक महीने पहले गिरफ्तार हुए SIMI कार्यकर्ता अब्दुल सुहान ने पुलिस को उसकी यात्रा की जानकारी दी थी।