किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर रविवार रात फायरिंग, गोलियां चलाकर गाड़ी से भागे अज्ञात
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास रविवार रात अज्ञात लोगों ने हवा में गोलियां चलाईं। मीडिया रिपोर्ट्स केे अनुसार, जब प्रदर्शन स्थल पर लंगर चल रहा था, उसी वक्त कार में आए चार लोगों ने हवा में तीन राउंड फायर किए और भाग निकले। पुलिस का कहना है कि गोलियां चलाने वाले लोग जिस गाड़ी में भागे, उस पर पंजाब की नंबर प्लेट लगी हुई थी। इसलिए ये लोग पंजाब के हो सकते हैं।
फायरिंग में कोई नुकसान नहीं
बताया जा रहा है कि अज्ञात लोगों ने TDI मॉल के सामने फायरिंग की थी। राहत की बात है कि इस फायरिंग में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने बताया कि मौके पर गोलियां के तीन खोल बरामद हुए हैं, जिन्हें पुलिस को दिखा दिया गया है। फायरिंग की जानकारी मिलने के बाद कुंडली थाने से पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और घटना की छानबीन शुरू की।
चश्मदीदों का क्या कहना है?
सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में प्रदर्शनकारी किसान पुलिस को घटना की जानकारी देते हुए दिख रहे हैं। इन्होंने पुलिस को बताया कि गोली चलाने वाले लोगों ने पहले किसानों से फ्रीज का पानी मांगा। जब किसानों ने बताया कि फ्रीज का पानी नहीं है तो गाड़ी में सवार लोगों ने तू-तू मैं-मैं की और चले गए। किसानों ने बताया कि 10-15 मिनट बाद वो फिर आए और गोलियां चलानी शुरू कर दी।
यहां देखिये वीडियो
पुलिस पर देर से पहुंचने का आरोप
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस पर देर से घटनास्थल पर पहंचने का आरोप भी लगाया है। दूसरी तरफ पुलिस CCTV फुटेज और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर छानबीन को आगे बढ़ा रही है।
आज किसान आंदोलन की बागडोर संभालेंगी महिलाएं
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज महिलाएं दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की बागडोर संभालेंगी। इस मौके पर आंदोलन में भाग लेने के लिए रविवार को हजारों की संख्या में महिलाएं पंजाब से दिल्ली आई हैं। किसान संगठनों ने दावा किया था कि पंजाब से लगभग 40,000 महिलाएं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन दिल्ली जाकर आंदोलन में शामिल होंगी। आज किसान आंदोलन के मंच पर भी महिलाओं के हाथों में बागडोर रहेगी।
क्यों प्रदर्शन कर रहे किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।