वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में कोरोना वैक्सीन लगवाएंगे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति- रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस वैक्सीनेशन अभियान के दूसरे चरण में वैक्सीन लगवाएंगे। NDTV ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। इसके अलावा राष्ट्रपति, सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों, 50 साल से अधिक उम्र के सांसदों और विधायकों को भी दूसरे चरण में वैक्सीन लगाई जाएगी। देश के सभी जनप्रतिनिधियों को वैक्सीन लगाए जाने की ये खबर ऐसे समय पर सामने आई है, जब लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसे की कमी देखने को मिल रही है।
दूसरे चरण में लगाई जानी है 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के दूसरे चरण में 50 साल से अधिक उम्र और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लगभग 27 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जानी है। चूंकि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और तमाम मुख्यमंत्रियों की उम्र भी 50 साल से अधिक है, इसलिए उन्हें भी इसी चरण में तय प्रक्रिया के तहत वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके अलावा जिन सांसदों की उम्र 50 साल से अधिक है, वे भी इस चरण में वैक्सीन लगवा सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने दी थी नेताओं को लाइन तोड़कर वैक्सीन न लगवाने की नसीहत
50 साल से अधिक उम्र के तमाम जनप्रतिनिधियों का दूसरे चरण में वैक्सीन लगवाना प्रधानमंत्री मोदी की उस नसीहत के भी अनुरूप होगी जिसमें उन्होंने कहा था कि नेताओं को लाइन तोड़कर वैक्सीन लगवाने से बचना चाहिए और अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए
दिख रही वैक्सीनों पर भरोसे की कमी
बता दें कि देश में अभी कोरोना वायरस वैक्सीनेशन का पहला चरण चल रहा है और इसमें स्वास्थ्यकर्मियों और महामारी में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जानी है। हालांकि स्वास्थ्यकर्मियों में वैक्सीनों के प्रति भरोसे की कमी देखने को मिली है और सैकड़ों स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे नहीं आए हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री समेत अन्य जनप्रतिधिनियों का वैक्सीन लगवाना जनता में वैक्सीनों के प्रति भरोसा बढ़ाने का काम कर सकता है।
मार्च या अप्रैल में आएगी प्रधानमंत्री की बारी
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि वैक्सीनेशन के लिए प्रधानमंत्री की बारी मार्च या अप्रैल में आ सकती है। क्या प्रधानमंत्री किसी विशेष वैक्सीन को प्राथमिकता देंगे, इस पर अधिकारी ने कहा कि इसके बारे में कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगा। इसके अलावा अभी ये भी स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी वैक्सीनेशन के लिए कोविड वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क (कोविन) ऐप पर खुद से रजिस्ट्रेशन करेंगे या नहीं। आम लोगों को ऐसा करना होगा।
इन दो वैक्सीनों को दी गई है आपातकालीन उपयोग की मंजूरी
बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और इसे 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। वहीं कोवैक्सिन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। इसका तीसरे चरण का ट्रायल अभी जारी है। अभी दोनों वैक्सीनों का उपयोग किया जा रहा है।
देश में अब तक 7.86 लाख लोगों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन
16 जनवरी को शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान में देश में अब तक 7.86 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है और बुधवार को 1.12 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीनेशन के बाद देशभर में तीन लोगों की मौत भी हुई है। उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में हुई ये तीनों मौतों हार्ट अटैक के कारण हुई हैं। हालांकि, वैक्सीनेशन और इन मौतों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है।