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    राज्यसभा में पेश किया गया दिल्ली सेवा विधेयक, विरोध में विपक्षी पार्टियां 
    केंद्र द्वारा आज राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पेश किया

    राज्यसभा में पेश किया गया दिल्ली सेवा विधेयक, विरोध में विपक्षी पार्टियां 

    लेखन नवीन
    Aug 07, 2023
    05:50 pm

    क्या है खबर?

    दिल्ली सेवा विधेयक पर आज चर्चा और मतदान के लिए राज्यसभा में पेश किया गया।

    इस विवादास्पद विधेयक का विपक्षी पार्टियों ने कड़ा विरोध किया है, लेकिन इस विधेयक पर केंद्र सरकार को नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) और जगन मोहन रेड्डी की युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (YSR कांग्रेस) के समर्थन को देखते हुए सदन में बहुमत से पास होने की उम्मीद है।

    आइए जानते हैं कि इस विधेयक को लेकर अब तक सदन में क्या-क्या हुआ।

    विधेयक

    लोकसभा में पारित हो चुका है विधेयक

    बीती 3 अगस्त को विपक्ष के वॉकआउट के बीच इस विधेयक को लोकसभा में केंद्र ने ध्वनि मत से पारित कर दिया था।

    केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा था कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और केंद्र को इससे संबंधित कानून बनाने का पूरा अधिकार है।

    राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 उस अध्यादेश की जगह लेता है, जिसने दिल्ली सरकार से नौकरशाहों का नियंत्रण छीन लिया था।

    बहुमत

    भाजपा के पास राज्यसभा में भी है बहुमत

    भाजपा को राज्यसभा में इस विधेयक को पास कराने के लिए बहुमत का आंकड़ा पार करना है। राज्यसभा की वर्तमान सदस्यों की संख्या 237 है और बहुमत का आंकड़ा 119 है।

    भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 105 सदस्य हैं और उन्हें BJD और YSR कांग्रेस का समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है, जिनमें से प्रत्येक पार्टी के पास 9 सांसद हैं।

    भाजपा को 5 नामांकित और 2 निर्दलीय सांसदों का समर्थन प्राप्त है, जिससे संख्या 130 हो जाती है।

    विपक्ष

    विपक्ष के पास राज्यसभा में कितने हैं सांसद? 

    इसके विपरीत विपक्षी गठबंधन INDIA के कुल 104 सांसद हैं। उनमें से कुछ अस्वस्थता के कारण कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते और आम आदमी पार्टी (AAP) के संजय सिंह सदन से निलंबित हैं।

    इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (BSP) और दो अन्य पार्टियों के एक-एक सदस्य हैं। उनके भी कार्यवाही में भाग लेने की संभावना कम है, लिहाजा इनकी अनुपस्थिति से बहुमत का आंकड़ा कम हो जाएगा।

    ऐसे में इस विधेयक के बहुमत से पारित होने की संभावना है।

    टकराव

    विधेयक को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच टकराव

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेवा के अधिकार पर केंद्र के इस अध्यादेश का जमकर विरोध किया था। इस मामले में दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच काफी टकराव भी देखने को मिला।

    केजरीवाल ने अध्यादेश को असंवैधानिक बताते हुए विपक्षी पार्टियों से राज्यसभा में इस विधेयक के विरोध में समर्थन भी मांगा।

    हाल में अन्य विपक्षी पार्टियों के समर्थन के बाद कांग्रेस ने भी AAP को समर्थन देने का घोषणा की थी।

    मामला

    क्या है दिल्ली विधेयक का मामला?

    दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को जारी अपने एक आदेश में कहा था कि अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर केंद्र नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार का अधिकार है।

    इसके बाद केंद्र ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश जारी किया था और ये अधिकार उपराज्यपाल (LG) को दे दिए थे।

    अब इस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए केंद्र द्वारा लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में विधेयक पेश किया जाएगा।

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