संसद के मानसून सत्र में कौन-कौन से महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश?
संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। मणिपुर में 3 महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने का मामला सत्र के शुरुआती दिन छाया रहा और इसके कारण कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। मामले में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ विपक्षी पार्टियां हमलावर नजर आ रही हैं, जिसके चलते इस बार का मानसून सत्र हंगामेदार रहने की उम्मीद है। 11 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र में करीब 31 विधेयक पेश किए जाएंगे। आइए कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों पर नजर डालते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक
यह केंद्र सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण विधेयक है। इसे लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार आमने-सामने है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सेवाओं यानि नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर कोर्ट के आदेश को बेअसर कर दिया। अब सरकार इस अध्यादेश को विधेयक के तौर पर संसद में पारित कराने की कोशिश करेगी, ताकि उसे कानूनी रूप दिया जा सके।
डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2022
यह भी इस बार संसद में पेश होने वाले सबसे चर्चित विधेयकों में से एक है। इसका उद्देश्य नागरिकों की गोपनीयता को प्रभावित करने वाले व्यक्तिगत डाटा को सुरक्षित करना है। इस विधेयक में व्यक्तिगत गोपनीयता की सुरक्षा का हवाला देते हुए प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में किसी भी व्यक्तिगत जानकारी से इनकार करने के लिए सूचना का अधिकार (RTI) में संशोधन का प्रस्ताव है। विपक्ष ने इसे RTI कानून को कमजोर करने की कोशिश करार दिया है।
वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023
केंद्र सरकार द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में संसोधन को लेकर यह विधेयक पेश किया जा रहा है, जो काफी विवादों में घिर गया है। इस संसोधन का उद्देश्य भारत की सीमा के 100 किलोमीटर के भीतर की वनभूमि सहित कुछ श्रेणियों की भूमि को वन अधिनियम के दायरे से बाहर करना है, जिससे लाखों हेक्टेयर भूमि में वन कानून लागू नहीं होंगे। इसके विधेयक पर कम से कम 6 विपक्षी संसद सदस्यों ने असहमति जताई है।
जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023
केंद्र सरकार के इस विधेयक में देश में जीवनयापन और व्यवसाय में सुधार के लिए छोटे-मोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के प्रावधान हैं। इसके जरिए कृषि, पर्यावरण, मीडिया और प्रकाशन आदि क्षेत्रों के 42 कानूनों के 183 प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा। इसमें कई अपराधों के लिए सजा के रूप में कारावास को हटाकर आर्थिक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021
मानसून सत्र में पेश होने वाले विधेयकों में जैविक विविधता अधिनियम, 2002 में संशोधन करने वाला विधेयक भी शामिल है। इस संशोधन में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र संधि के उद्देश्य से समझौता किए बिना राष्ट्रहित में भारतीय औषधि प्रणाली को प्रोत्साहित करने और विदेशों से अधिक निवेश लाने पर जोर दिया गया है। आलोचकों का कहना है कि संशोधन का उद्देश्य जैव विविधता की रक्षा के बजाय वैकल्पिक चिकित्सा को लाभ पहुंचाना है।