दिल्ली हिंसा: पुलिस को भेजे गए थे छह अलर्ट, फिर भी नहीं रोक पाई हिंसा
रविवार को उत्तर-पूर्व दिल्ली में हिंसा शुरू होने से पहले दिल्ली पुलिस को कम से कम छह बार अलर्ट भेजा गया था। भाजपा नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ बयान के आसपास पुलिस को ये अलर्ट भेजे गए थे और उसे इलाके में पुलिस बल की तैनाती बढ़ाने को कहा था। लेकिन पुलिस अलर्ट के बावजूद पर्याप्त कार्रवाई करने में नाकाम रही और हिंसा पूरे इलाके में फैल गई। इस हिंसा में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है।
इस तरह हिंसा से पहले बढ़ा तनाव
शनिवार रात को जाफराबाद में लगभग 500 महिलाएं नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में सड़क पर धरने पर बैठ गईं थीं। इसके विरोध में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने CAA समर्थकों से रविवार दोपहर तीन बजे मौजपुर चौक पर इकट्ठा होने को आह्वान किया। मिश्रा तय समय पर चौक पर पहुंचे और अपने समर्थकों की मौजूदगी में पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि वो तीन दिन के अंदर सड़के खाली कराएं नहीं तो उन्हें खुद सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
मिश्रा के जाने के बाद शुरू हुई पत्थरबाजी
ये भाषण देने के बाद कपिल मिश्रा इलाके से चले गए। उनके जाने के बाद CAA समर्थकों और विरोधियों में पत्थरबाजी शुरू हो गई। पहले पत्थरबाजी किसने की, ये अभी तक साफ नहीं है। रविवार को देर शाम तक पत्थरबाजी की खबरें आती रहीं। अगले दिन सोमवार को हिंसा ने बड़ा रूप ले लिया और ये दंगे में बदल गया जो तीन दिन तक चलता रहा। दिल्ली पुलिस के हिंसा रोकने में नाकाम पर गंभीर सवाल उठे हैं।
मिश्रा के आह्वान के बाद भेजा गया पहला अलर्ट
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, स्पेशल ब्रांच और खुफिया इकाई ने वायरलेस रेडियो के जरिए उत्तर-पूर्व जिले के पुलिस अधिकारियों को कई अलर्ट भेजे। पहला अलर्ट दोपहर 1:22 बजे के बाद भेजा गया जब मिश्रा ने ट्वीट कर लोगों को मौजपुर चौक पर जमा होने को कहा था। दोनों गुटों में टकराव की आशंका को देखते हुए खुफिया इकाई ने स्थानीय पुलिस को इलाके में सतर्कता बढ़ाने को कहा था।
पत्थरबाजी शुरु होने के बाद भेजे गए बाकी अलर्ट
इसके बाद जब इलाके में दोनों गुटों के बीच पत्थरबाजी हुई और भीड़ इकट्ठा होने लगी, तब भी स्पेशल पुलिस और खुफिया इकाई की तरफ से पुलिस को कई अलर्ट भेजे गए थे। इसके बावजूद पुलिस हिंसा को रोकने में नाकाम रही।
पुलिस ने लापरवाही की बात से किया इनकार
हालांकि पुलिस ने इन अलर्ट पर किसी भी तरह की लापरवाही बरतने की बात से इनकार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर TOI से कहा, "अलर्ट मिलने के बाद सभी आवश्यक कदम उठाए गए। इसी कारण एक वरिष्ठ अधिकारी मिश्रा के साथ था और उसने ये सुनिश्चित किया कि वो जल्द से जल्द इलाके से बाहर जाएं। इन प्रयासों के बावजूद CAA विरोधियों ने मिश्रा के समूह पर पत्थरबाजी शुरू कर दी।"