शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तैयार है सरकार- रविशंकर प्रसाद
क्या है खबर?
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले 50 दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे विरोध-प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए आखिरकार केंद्र सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए तैयार हो गई है।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को एक ट्विट करते हुए इसके संकेत दिए हैं।
माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने प्रदर्शनकारियो से बातचीत करने का निर्णय किया है।
बयान
संरचनात्मक तरीके से हो सकती है बातचीत
केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि सरकार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर सकती है, लेकिन इसके लिए संरचनात्मक तरीका होना चाहिए। सरकार बातचीत के जरिए CAA को लेकर लोगों में व्याप्त शंकाओं को दूर कर सकती है।
खास बात यह है कि प्रसाद केंद्र सरकार के पहले मंत्री हैं जिन्होंने विरोध-प्रदर्शन को बाचतीत के जरिए खत्म करने के बारे में बयान दिया है।
ऐसे में अब दोनों पक्षो के बीच बातचीत की उम्मीद जताई जा सकती है।
नरम रुख
प्रदर्शनकारियों को रखना चाहिए नरम रुख- प्रसाद
इससे पहले प्रसाद ने एक टीवी डिबेट में प्रदर्शनकारियों से बातचीत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि यदि आप विरोध कर रहे हैं तो यह एक अच्छी बात है, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारी टेलीविजन पर CAA वापस नहीं लिए जाने तक बातचीत नहीं करने की बात कह रहे हैं। यदि वो चाहते हैं कि सरकार बाचतीत करें तो उन्हें अपना नरम रुख रखना चाहिए। उन्हें भी बातचीत की पहल करते हुए सरकार से आग्रह करना चाहिए।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये प्रसाद का बयान
Government is ready to talk to protestors of Shaheen Bagh but then it should be in a structured form and the @narendramodi govt is ready to communicate with them and clear all their doubts they have against CAA. pic.twitter.com/UjGikFN8tY
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 1, 2020
डर
सरकार को है प्रदर्शन स्थल पर अप्रिय घटना होने का डर
सरकार के प्रदर्शनकारियों के पास जाकर बातचीत नहीं करने के पीछे अप्रिय घटन होने का डर भी सामने आ रहा है।
प्रसाद ने कहा कि सरकार के लिए यह संभव नहीं है कि वो प्रदर्शन स्थल पर जाकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत करे।
उन्होंने यह भी कहा यदि सरकार का प्रतिनिधि बातचीत के लिए जाए और प्रदर्शनकारी उनके साथ गलत व्यवहार कर दें तो क्या होगा? इस बयान में सरकार का डर साफ झलक रहा है।
आगाह
NDA की बैठक में सहयोगियों ने किया प्रधानमंत्री को आगाह
इससे पहले शुक्रवार को हुई NDA की बैठक में सहयोगी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नेताओं के बयानों से मुसलमानों के बीच पैदा हो रहे संदेह व भय की भावना के लिए भी आगाह किया था।
इस पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश में किसी समुदाय के लिए कोई परेशानी नहीं होगी। मुसलमानों को भी अन्य समुदायों की तरह ही अपनी बात रखने का समान अधिकार है। उन्हें भी भ्रम या डर को दूर करना चाहिए।
प्रतिकिया
NCP नेता ने दी प्रतिक्रिया
प्रसाद के ट्वीट के बाद NCP नेता माजिद मेनन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के कानून मंत्री आखिर में जाकर अब जागे हैं। यदि उन्हें बाचतीत करनी थी तो वह यह फैसला पहले भी कर सकते थे। उन्होंने विरोध के पहले या दूसरे ही दिन यह निर्णय क्यों नहीं लिया, जब लोग इतनी ठंड में भी मौके पर जमे रहे। ऐसे में सरकार का दावा अब भी टांय-टांय फिश ही लग रहा है।
चुनाव आयोग
शांतिपूर्ण मतदान के लिए चुनाव आयोग की टीम ने किया दौरा
प्रसाद के बातचीत वाले ट्वीट से पहले शुक्रवार को चुनाव आयोग की टीम ने शाहीन बाग का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।
दौरेेे में टीम ने जानने का प्रयास किया कि क्या 8 फरवरी को विरोध के बीच यहां शांतिपूर्ण मतदान कराया जा सकता है या नहीं।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि यहां 5 मतदान केंद्र हैं। ऐसे में देखना चाहते हैं कि प्रदर्शन के कारण मतदाताओं को परेशानी तो नहीं होगी।
हमला
भाजपा नेता शाहीन बाग पर लगातार बोल रहे हैं हमला
शाहीन बाग पर चल रहे विरोध-प्रदर्शन को लेकर भाजपा नेता लगातार हमले बोल रहे हैं। गत मंगलवार को पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि दिल्ली के शाहीन बाग में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी क्यों नहीं मर रहे हैं?
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक चुनावी सभा में 'देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को' का नारा लगवाया था, वहीं सांसद प्रवेश वर्मा ने प्रदर्शनकारियों द्वारा बहन-बेटियों का रेप करने का बयान दिया था।
पृष्टभूमि
50 दिनों से शाहीन बाग पर चल रहा है विरोध-प्रदर्शन
CAA को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में गत 15 दिसंबर से विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। नोएड को जोड़ने वाले मार्ग के बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है।
कोर्ट ने पुलिस को कानून में रहते हुए धरना खत्म कराने का आदेश दिया है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।
धरना स्थल पर प्रतिदिन प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। ऐसे में यह प्रदर्शन सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।