
निर्भया कांड: फांसी से पहले परिजनों से आखिरी मुलाकात के लिए दोषियों को लिखा गया पत्र
क्या है खबर?
निर्भया कांड के चारों दोषियों की फांसी के लिए तीसरा डेथ वारंट जारी किया जा चुका है। नए डेथ वारंट के अनुसार दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाया जाना है।
तिहाड़ जेल प्रशासन एक बार फिर से फांसी से पहले की सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने में जुट गया है।
इसके तहत अब जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को आधिकारिक पत्र लिखकर परिजनों से आखिरी मुलाकात के समय के बारे में जानकारी मांगी है।
मुलाकात
मुकेश और पवन पहले ही कर चुके हैं मुलाकात
तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषी मुकेश, पवन, अक्षय और नवीन को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मुकेश और पवन को लिखित में अवगत कराया है कि वो पिछले डेथ वारंट के दौरान परिजनों से अपनी आखिरी मुलाकात कर चुके हैं।
इसी तरह उन्होंने अक्षय और नवीन से परिजनों से आखिरी मुलाकात करने की तारीख और समय की जानकारी मांगी है।
उनके बताने के बाद जेल प्रशासन उनकी परिजनों से आखिरी मुलाकात का प्रबंध करेगा।
निगरानी
चारों दोषियों की कड़ी निगरानी कर रहा है जेल प्रशासन
तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि विनय ने हाल ही में जेल की दीवार पर अपना सिर मारकर खुद को चोट पहुंचाने का प्रयास किया था। उस पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
विनय के वकील ने दिल्ली कोर्ट में उसे मानसिक रूप से बीमार बताकर उसका इलाज मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान (IHBAS) में कराने की मांग को लेकर अपील की थी।
इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शनिवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
जल्लाद की मांग
जेल प्रशासन ने उत्तर प्रदेश प्रशासन को लिखा पत्र
तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने बताया कि 3 मार्च को फांसी देने को लेकर तैयारियां चल रही है।
इसे लेकर उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन को पत्र लिखकर जल्लाद को फांसी के लिए मुकर्रर दिन से दो दिन पहले भेजने को कहा गया है।
जल्लाद के आने के बाद फांसी से पहले होने वाली सभी प्रक्रियों का फिर से पूर्वाभ्यास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारियों में कोताही नहीं बरतना चाहता है।
विकल्प
अब सिर्फ दोषी पवन के पास बचा है आखिरी विकल्प
जेल अधिकारियों ने बताया कि मामले के चारों दोषियों में से तीन ने अपने बचाव के सभी विकल्पों का उपयोग कर लिया है। ऐसे में अब सिर्फ पवन के पास अपने बचाव का आखिरी विकल्प बचा है।
पवन ने अभी तक न तो क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की है और न ही राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लगाई है। हालांकि 3 मार्च में अभी समय बचा है। सजा से बचने के लिए वह इन विकल्पों का उपयोग कर सकता है।
दुर्व्यवहार
चारों दोषी जेलकर्मियों के साथ कर रहे हैं दुर्व्यवहार
जेल अधिकारियों ने बताया कि मुकेश और विनय ने रुटीन चेकअप के लिए आए जेलकर्मियों से दुर्व्यवहार किया है। वो हर छोटी बात पर गुस्सा कर रहे हैं। जिसके चलते उन्हें जेल में एंगर मैनेजमेंट (गुस्से पर नियंत्रण) का पाठ पढ़ाया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि जेलकर्मी जब भी विनय को खाना देने जाते हैं, तो वह उनके साथ गलत व्यवहार करता है। कुछ दिन पहले भी उसने एक जेल अधिकारी से दुर्व्यवहार किया था।
डेथ वारंट
तीसरी बार जारी हुआ है डेथ वारंट
दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए अदालत ने यह तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने सबसे पहले 7 जनवरी को डेथ वारंट जारी कर उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया था।
उसके बाद 17 जनवरी को दूसरा डेथ वारंट जारी कर 1 फरवरी को फांसी देने और बीती 17 फरवरी को तीसरा डेथ वारंट जारी कर उन्हें 3 मार्च को फांसी देने का आदेश दिया है।
दावा
दोषियों के वकील ने किया था इस बार भी फांसी नहीं होने दावा
दोषियों के वकील एपी सिंह ने गत 18 फरवरी को दैनिक भास्कर को बताया था कि दोषियों के पास अभी भी कई कानूनी विकल्प बचे हुए हैं। सभी का उपयोग किया जाएगा। राष्ट्रपति के पास दोबारा दया याचिका भी भेजी जाएगी और खारिज होने पर भी जो विकल्प होंगे उनका भी उपयोग किया जाएगा। आप लिखकर रख लो, 3 मार्च को फांसी नहीं होगी।
उन्होंने कहा था कि अभी पवन गुप्ता के पास दो कानूनी विकल्प बचे हुए हैं।