दिल्ली दंगा: 11 लाख पेज डाटा के साथ उमर खालिद से सवाल-जबाव करना चाहती है पुलिस
दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार किए गए जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद को सोमवार को 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया। रिमांड के लिए हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कोर्ट से कहा कि उसे 11 लाख पेज के डाटा के आधार पर उमर खालिद से सवाल-जबाव करने हैं। वहीं खालिद ने अपनी सफाई में कहा कि वह दंगों के समय दिल्ली में मौजूद भी नहीं थे।
उमर खालिद के खिलाफ दर्ज किया गया है UAPA के तहत मामला
नागरिकता कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों के बड़े चेहरे रहे उमर खालिद को रविवार रात गिरफ्तार किया गया था। उन पर बेहद कठोर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (UAPA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। उन पर लगे आरोपों में दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण देकर लोगों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान सड़कों पर उतरने के लिए उकसाना भी शामिल है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कल कोर्ट के सामने पेश किया गया था।
ट्रंप के दौरे के दौरान देश को बदनाम करने की साजिश में शामिल थे खालिद- पुलिस
सुनवाई के दौरान खालिद की 10 दिन की रिमांड मांगते हुए पुलिस ने कहा कि लगभग 11 लाख पेज डाटा के साथ खालिद से सवाल-जबाव किए जाने हैं। उन्होंने खालिद पर ट्रंप के दौरे के दौरान अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने देश को बदनाम करने की साजिश में शामिल होने का आरोप भी लगाया। पुलिस ने कहा कि अन्य संदिग्धों के नाम भी सामने आए हैं और इन संदिग्धों के बारे में खालिद से पूछताछ किए जाने की जरूरत है।
खालिद के वकील बोले- एक दिन की कस्टडी लायक भी नहीं है दलीलें
वहीं रिमांड का विरोध करते हुए उमर खालिद के वकील त्रिदीप पईस ने कहा कि वह (खालिद) प्रासंगिक समय पर दिल्ली में मौजूद भी नहीं थे और रिमांड की याचिका में ऐसी किसी भी चीज का खुलासा नहीं किया गया है जो एक दिन की कस्टडी के भी लायक हो। उन्होंने कहा कि इसमें ये भी नहीं कहा गया कि वे उससे सवाल-जबाव करना चाहते हैं और रिमांड मांगने के आधार अस्पष्ट हैं।
लोग कह चुके हैं कि दबाव डालकर बयान लिया गया-खालिद के वकील
त्रिदीप ने आगे कहा, "अपराध कहां है, उसने कहां कहा कि जाइए और प्रदर्शन कीजिए? वे 10 दिन में उससे क्या चाहते हैं? ये एक ऐसा मामला है जिसमें लोग खुलेआम कह चुके हैं कि बयान देने के लिए उन पर दबाव डाला गया था।"
तमाम समाजसेवियों और हस्तियों ने किया खालिद की गिरफ्तारी का विरोध
इस बीच देश के कई नामी-गिरामी समाजसेवियों और हस्तियों ने मामले में खालिद की गिरफ्तारी का विरोध किया है। स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव का कहना है कि दंगों में दिल्ली पुलिस की जांच अपने आप में एक साजिश है। उन्होंने कहा कि खालिद की गिरफ्तारी CAA विरोधी प्रदर्शनों को किसी तरह से दंगों से जोड़ने की पुलिस की साजिश का हिस्सा है। हर्ष मंदर, प्रशांत भूषण, रामचंद्र गुहा और सीताराम येचुरी ने गिरफ्तारी का विरोध किया है।
दिल्ली पुलिस पर लग रहा है CAA विरोधियों को फंसाने का आरोप
बता दें कि दिल्ली पुलिस पर पहले से ही जांच में पक्षपात कर CAA विरोधियों पर दंगों की साजिश रचने का दोष मढ़ने का आरोप लग रहा है। हाल ही में एक आरोपी के बयान में CPI(M) प्रमुख सीताराम येचुरी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद और योगेंद्र यादव का नाम आने पर भी बड़ा राजनीतिक विवाद हुआ था। इसके विपरीत खुलेआम भड़काऊ भाषण देने वाले कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर जैसे भाजपा नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
उत्तर-पूर्व दिल्ली में तीन दिन चले थे दंगे
उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में इस साल 24 से 26 फरवरी के बीच लगातार तीन दिन दंगे हुए थे। इनमें 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल थे। इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी। एक पेट्रोल पंप को भी आग लगाई गई थी।