दिल्ली में हिंसा भड़काने की साजिश के आरोप में जामिया मिलिया का PhD छात्र गिरफ्तार
क्या है खबर?
देश में लगातार बढ़ रही खतरानाक कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।
पुलिस ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भड़की हिंसा के मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से PhD कर रहे एक छात्र को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार दात्र पर दिल्ली दंगों में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप है।
जांच जारी
जारी है मामले की जांच, अन्य छात्रों की भी हो सकती है गिरफ्तारी
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी छात्र मीरान हैदर (35) है। वह जामिया मिलिया इस्लामिया से PhD कर रहा है।
वह लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से भी जुड़ा हुआ है। वह वर्तमान में RJD का दिल्ली युवा अध्यक्ष भी है।
पुलिस ने बताया कि हैदर पर दिल्ली दंगों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप है। इस मामले की जांच जारी है और अन्य छात्रों को भी गिरफ्तारी हो सकती है।
जानकारी
पुलिस ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था
दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी हैदर को गत 31 मार्च को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ में उसकी दंगों में संलिप्तता को देखते हुए बुधवार शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में पूछताछ जारी है।
विरोध
RJD ने किया हैदर की गिरफ्तारी का विरोध
हैदर को गिरफ्तारी का RJD ने विरोध किया है। RJD के प्रदेश प्रवक्ता अरुण यादव का कहना है कि हैदर तेजस्वी यादव के कहने पर दिल्ली में फंसे बिहार के लोगों की मदद करने में लगा था।
वह दिल्ली में फंसे प्रदेश के लोगों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे थे। इसी बीच पुलिस ने उसे दबोच लिया।
उन्होंने दिल्ली पुलिस पर तानाशाही का आरोप लगाया। बता दें कि जामिया में पिछले साल दिसंबर में हिंसा हुई थी।
आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिए थे दंगा पीडि़तों की मदद के आदेश
बता दें कि गत सप्ताह दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस को दंगों के दौरान बेघर होने वाले लोगों की मदद के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने कहा था कि पुलिस को दंगा पीडि़तों को सामुदायिक केंद्रों और शहरी आश्रय बोर्ड द्वारा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संचालित रैन बसेरों में आवास उपलब्ध कराना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि लॉकडाउन के दौरान दंगा पीडि़तों को खासी परेशानी हो रही है।
दिल्ली हिंसा
दिल्ली हिंसा में हुई थी 53 लोगों की मौत
बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी, जाफराबाद समेत दर्जनभर इलाकों में 24-25 फरवरी को हिंसा भड़क गई थी।
हिंसा में IB अधिकारी अंकित शर्मा और हैड कांस्टेबल रतनलाल सहित कुल 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 250 से अधिक घायल हो गए थे।
हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की दो SIT टीम गठित की गई थीं।
पुलिस ने 700 से अधिक मामले दर्ज कर 2,000 लोगों को गिरफ्तार किया था।