ट्रैक्टर परेड में हिंसा: योगेंद्र यादव समेत 20 किसान नेताओं को पुलिस का नोटिस
क्या है खबर?
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस ने कई किसान संगठनों के नेताओं को नोटिस भेजे हैं।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने गुुरुवार सुबह योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल समेत कुल 20 किसान नेताओं को नोटिस भेजकर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि इस हिंसा में 300 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और कई किसानों को भी चोटें आई थीं।
पृष्ठभूमि
किसानों के तय रास्ते से हटने के बाद हुई थी हिंसा
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड बुलाई थी।
किसानों का एक धड़ा शुरूआत में ही तय रास्ते से हट गया और ITO होते हुए लाल किले की तरफ निकल गया।
इस दौरान उनकी ITO और लाल किले समेत अन्य कई जगहों पर पुलिस के साथ जबरदस्त भिडंत हुई और किसानों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। पुलिस ने भी लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया।
आरोप
दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं पर लगाया विश्वासघात का आरोप
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने किसान नेताओं पर विश्वासघात का आरोप लगाया था।
बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस के सामने कई विकल्प थे, लेकिन पुलिस ने संयम बरता।
श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस ने किसान नेताओं से 26 जनवरी को रैली न निकालने के लिए कहा था, लेकिन वो अपनी बात पर अड़े रहे। नियमों को न मानने के कारण यह हिंसा हुई।
बयान
"किसान नेताओं ने उपद्रवी तत्वों को आगे किया"
दिल्ली पुलिस कमिश्नर श्रीवास्तव ने कहा कि 25 जनवरी की शाम को कई दौर की बैठक के बाद समझ आ गया था कि किसान नेता अपना वादे से मुकर रहे हैं। उन्होंने अपने उग्र तत्वों को आगे कर दिया, जिन्होंने भड़काऊ भाषण दिया। इससे उनकी मंशा समझ आ गई थी, लेकिन फिर भी पुलिस ने संयम बरता।
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को सुबह ही बैरिकेड्स तोड़े जाने लगे और किसानों ने तय रास्तों पर मुड़ने से इनकार कर दिया।
गिरफ्तारी
मामले में 19 लोग गिरफ्तार- कमिश्नर
श्रीवास्तव ने बताया कि नियम और शर्तों का पालन न करने के कारण यह हिंसा हुई है और इसमें सभी किसान नेता शामिल रहे। पुलिस के पास कई विकल्प थे, लेकिन उसने संयम का रास्ता चुना।
उन्होंने बताया कि हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उपद्रवियों ने 428 बैरिकेड्स, चार एक्सरे मशीन, छह कंटेनरों और पुलिस की 30 गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया है।
अब तक मामले में 19 लोग गिरफ्तार हुए हैं और 50 हिरासत में लिए गए हैं।
बयान
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई- कमिश्नर
श्रीवास्तव ने कहा कि हिंसा के मामले में 25 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं और किसान संगठनों से पूछताछ की जाएगी। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्सा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने जो FIR दर्ज की हैं, उनमें योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलवीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह और राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं के नाम शामिल हैं।
ट्रैक्टर परेड में हिंसा
किसानों ने केंद्र पर लगाया साजिश रचने का आरोप
दूसरी तरफ किसान नेताओं ने ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
हिंसा पर बयान जारी करते हुए आंदोलन कर रहे किसान संयुक्त मोर्चा ने केंद्र सरकार पर किसान मजदूर संघर्ष समिति और दीप सिद्धू के साथ मिलकर ट्रैक्टर परेड में हिंसा और आंदोलन को बदनाम करने की साजिश करने का आरोप लगाया।
मोर्चे ने कहा कि सरकार किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन से हिल गई थी। इसलिए उसने ये साजिश रची।