हरियाणा निकाय चुनाव: हार पर भाजपा नेता बोले- हमारे वोटर्स घूमने गए हुए थे
कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच हरियाणा में हुए निकाय चुनावों में सत्तारूढ भाजपा और जननायक जनता पार्टी (JJP) गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा है। उसके हाथ से जहां अंबाला और सेनीपत की मेयर सीट निकल गई, वहीं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के गढ़ उकलाना और धारूहेड़ा में भी हार मिली है। अब भाजपा नेता ने अजीबोगरीब बयान देकर हार का बचाव किया है।
भाजपा और JJP को यहां मिली हार
बता दें कि भाजपा और JJP को अंबाला और सोनीपत में मेयर सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। अंबाला के 20 पार्षद पदों में से भी भाजपा को आठ पर जीत मिली है। सोनीपत मेयर चुनाव में भी भाजपा को हार झेलनी पड़ी है। यहां की 20 पार्षद सीटों में से भी भाजपा को महज 10 पर जीत मिली है। इसके अलावा रेवाड़ी में 31 पार्षद सीटों में से भाजपा को सात पर ही जीत मिल सकी है।
भाजपा और JJP को यहां भी करना पड़ा हार का सामना
भाजपा-JJP को सांपला, उकलाना और धारूहेड़ा में भी हार का सामना करना पड़ा है। ये तीनों जगह JJP का गढ़ मानी जाती है, लेकिन यहां JJP तो दूर भाजपा को भी कोई सीट नहीं मिली। सभी सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिली है।
भाजपा और JJP को यहां नसीब हुई जीत
निकाय चुनाव में भाजपा को जहां पंचकुला में मेयर सीट पर जीत मिली है, वहीं यहां 21 पार्षद सीटों में से भाजपा को नौ पर तथा JJP को दो सीटों पर जीत मिली है। इसी तरह रेवाड़ी नगर परिषद के सभापति चुनाव में भाजपा को जीत हासिल हुई है, लेकिन पार्षदों की 31 सीटों में से उसे महज सात पर जीत मिली है। इसके उलट JJP को यहां एक भी सीट नहीं मिली है। यह करारा झटका लगा है।
"हमारे वोटरों के छुट्टी पर जाने से कम पड़े वोट"
निकाय चुनाव में मिली इस करारी हार का अब भाजपा नेताओं ने अजीबोगरीब तर्क देकर बचाव करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को अंबाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा, "25, 26 और 27 दिसंबर की छुट्टियां थीं। आपको पता है दिसंबर में जब साल खत्म होता है तो छुट्टियों आती हैं। ऐसे में लोग लंबी यात्राओं पर निकल जाते हैं। दुर्भाग्य से, छुट्टी पर जाने वाले ज्यादातर लोग भाजपा का वोट बैंक थे।"
किसान आंदोलन और विपक्ष की एकजुटता से भी हुआ नुकसान- गोयल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा विधायक असीम गोयल ने माना कि किसान आंदोलन और भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्ष से भी पार्टी को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, "पार्टी अपने स्तर पर हार पर मंथन करेगी, लेकिन फिलहाल भाजपा के खिलाफ एक झंडे के नीचे इकट्ठा हुआ विपक्ष भी हार का कारण रहा है। विरोधी चाहते हैं कि पहले भाजपा से निपट लें, आपस में तो बाद में निपट लेंगे।" उन्होंने कहा कि किसानों का विरोध भी बड़ा कारण रहा है।
किसान आंदोलन के चलते भाजपा-JJP को झेलना पड़ रहा है विरोध
बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों को दिल्ली जाने से रोकने पर हरियाणा की भाजपा-JJP गठबंधन सरकार को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को खुद के विधानसभा क्षेत्र जींद के ऊचां कलां में ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा था। कई गांवों ने गठबंधन के नेताओं प्रवेश बंद कर दिया था। इसी तरह किसानों पर वाटर कैनन चलाने और लाठियां बरसाने पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की भी जमकर आलोचना हुई है।