
कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है भारत बायोटेक की कोवैक्सिन- अध्ययन
क्या है खबर?
पूरी तरह भारत में बनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन इस वायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ भी सुरक्षा दे सकती है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई इस वैक्सीन को देश में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है और साथ ही इसके तीसरे चरण के ट्रायल भी चल रहे हैं।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कोवैक्सिन
नए स्ट्रेन को बेअसर कर देती है वैक्सीन- अध्ययन
भारत बायोटेक ने ट्वीट कर जानकारी दी कि कोवैक्सिन को इंग्लैंड में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ परखा गया था।
करीब 38 लोगों को यह वैक्सीन दी गई थी। टेस्ट में पता चला कि यह वैक्सीन कोरोना के नए वेरिएंट को बेअसर कर देती है।
इससे यह उम्मीद मजबूत होती है कि वायरस में आए बदलाव वैक्सीन से बचेंगे नहीं। हालांकि, अभी तक इस अध्ययन का पीयर रिव्यू नहीं किया गया है।
महत्व
भारत के लिए इसका क्या महत्व है?
बीते साल इंग्लैंड के कई हिस्सों में कोरोना के नए स्ट्रेन की पहचान हुई थी। इंग्लैंड से यह स्ट्रेन दुनियाभर के 60 देशों में फैल चुका है।
भारत में भी इससे संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ते हुए 150 से पार हो गई है।
यह स्ट्रेन न सिर्फ तेजी से फैलता है बल्कि ऐसे भी सबूत मिले हैं कि यह अधिक लोगों की जान भी ले सकता है। इसलिए इसके खिलाफ प्रभावी वैक्सीन होना जरूरी है।
कोरोना वायरस वैक्सीन
कैसे तैयार की गई है कोवैक्सिन?
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन ने ट्रायल के तीनों चरण पूरे नहीं किए हैं, लेकिन इसके कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी होने की संभावना के चलते इसे मंजूरी दी गई थी।
बता दें कि भारत बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर कोवैक्सिन को तैयार किया है और यह पूरी तरह भारत में बनी वैक्सीन है।
इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है। 28 दिनों के अंतराल पर इसकी दो खुराक दी जाती है।
सावधानी
अभी और आंकड़ों की जरूरत
इस अध्ययन के लिए केवल 38 लोगों से लिए गए सैंपल की जांच की गई थी।
हालांकि, ये नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले दिखते हैं, लेकिन अभी तक वैक्सीन की एफिकेसी (प्रभावकारिता) को लेकर कोई स्पष्ट तस्वीर नजर नहीं आई है।
अभी इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और इसके नतीजे सामने आने के बाद पता चलेगा कि यह वैक्सीन संक्रमण से सुरक्षा देने में कितनी प्रभावी साबित होती है। इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा।