दिल्ली: उपराज्यपाल ने बजट में देरी पर केजरीवाल को लिखा पत्र, उठाए ये सवाल
दिल्ली में सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है। अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख बजट पेश करने में देरी पर सवाल उठाया है। सक्सेना ने सरकार पर बिना किसी स्पष्ट कारण के बजट को रोकने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से बजट को मंजूरी मिलने के बावजूद इसे पेश करने में देरी की जा रही है।
पत्र में क्या बोले उपराज्यपाल?
उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा, "मैं आपके ध्यान में यह लाने के लिए बाध्य हूं कि वार्षिक वित्तीय विवरण तैयार होने और 19 फरवरी को भारत सरकार की उचित मंजूरी के बाद स्थापित कानून के अनुसार सदन में पेश करने के लिए ये अभी तक मेरे पास नहीं पहुंचा है। ऐसा लगता है कि प्रक्रिया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार के स्तर पर बिना किसी स्पष्ट कारण के रुकी हुई है।"
उपराज्यपाल बोले- जल्द बजट पेश करे सरकार
उपराज्यपाल ने कहा, "यह उचित होगा कि वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) को दिल्ली के लोगों के लाभ के लिए जल्द से जल्द विधानसभा में रखा जाए, चर्चा की जाए और पारित किया जाए। ऐसा करने से दिल्ली के लोगों को सरकार के खर्चों और राजस्व को जानने का मौका मिलेगा और यह भी पता चलेगा कि सार्वजनिक धन, जो स्वयं लोगों का है, उसका उपयोग किस लिए किया जा रहा है।"
मामले पर सरकार का क्या कहना है?
इससे पहले दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री आतिशी ने बताया था कि बजट को गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने और राष्ट्रपति की सहमति मिलने में कम से कम 10 से 15 दिन लगेंगे। उन्होंने कहा था कि उपराज्यपाल की ओर से बजट को मंजूरी मिलने के बाद इसे गृह मंत्रालय को भेजा गया था। हालांकि, अब उपराज्यपाल का कहना है कि गृह मंत्रालय की तरफ से बजट एक हफ्ते पहले ही मंजूरी किया जा चुका है।
15 फरवरी से जारी है बजट सत्र
दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 15 फरवरी से शुरू हुआ था, जो 21 फरवरी तक चलना था। हालांकि, बाद में इसे बढ़ाकर मार्च के पहले हफ्ते तक कर दिया गया है। सत्र के दूसरे दिन ही हंगामा के चलते भाजपा के 7 विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। विधायकों ने निलंबन के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख भी किया था। चर्चा है कि 26 फरवरी के बाद ही बजट पेश हो सकेगा।
न्यूजबाइट्स प्लस
दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में विवाद चलते रहते हैं। हाल ही में केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर पानी के बकाया बिलों को लेकर सवाल उठाए थे। इसके अगले ही दिन उपराज्यपाल ने नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) से जुड़ी रिपोर्ट पेश करने को कहा। दोनों के बीच अधिकारों से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया था, जहां दिल्ली सरकार को जीत मिली थी। बता दें कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए इसे राज्य जैसी स्वायत्ता प्राप्त नहीं है।