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उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार का फैसला पलटा, अब दिल्ली के अस्पतालों में सबका होगा इलाज

उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार का फैसला पलटा, अब दिल्ली के अस्पतालों में सबका होगा इलाज

Jun 08, 2020
08:03 pm

क्या है खबर?

दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) के अध्यक्ष अनिल बैजल ने सोमवार को केजरीवाल सरकार के उस फैसले को बदल दिया है जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली के मूल निवासियों का ही इलाज किया जाएगा। दिल्ली की सीमाओं को खोलने के बाद अस्पतालों में बढ़ने वाली भीड़ को रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला किया था। इस विवादास्पद आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई थी।

आदेश

उपचार से वंचित नहीं रहे कोई भी मरीज- बैजल

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक उपराज्यपाल बैजल ने DDMA के चेयरपर्सन के रूप में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के आदेश को खारिज कर दिया है। दिल्ली सरकार के आदेश को खारिज करने के साथ उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभाग और अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली के निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी मरीज को इलाज से वंचित न होना पड़े। सबको पूरा इलाज मिलना चाहिए।

ट्विटर पोस्ट

उपराज्यपाल के आदेश के बाद केजरीवाल ने दी यह प्रतिक्रिया

केजरीवाल का फैसला

केजरीवाल सरकार ने बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जारी किया था आदेश

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों को केवल दिल्ली के मूल निवासियों के उपचार के लिए ही आरक्षित करने का आदेश जारी किया था। केजरीवाल ने कहा था कि सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय पैनल ने भी ऐसा करने का सझाव दिया था। इसी तरह 7.5 लाख लोगों से मिले सुझावों में भी 90 प्रतिशत लोगों ने ऐसा करने का सुझाव दिया था।

आदेश

आदेश में उपचार के लिए मूल निवास प्रमाण पत्र की लागू की थी बाध्यता

दिल्ली सरकार ने रविवार रात को जारी किए गए आदेश में कहा था कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को राज्य के निवासियों के उपचार के लिए ही रखा जाए। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि उपचार के लिए जाने वाले मरीजों को अस्पताल में 7 जून, 2020 से पहले जारी मतदाता पहचान पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक या डाकघर की पासबुक, राशन कार्ड, नवीनतम पानी/टेलीफोन/बिजली बिल आदि दिखाना होगा।

कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट में दी गई थी आदेश को चुनौती

दिल्ली सरकार के इस आदेश को चुनौती देने के लिए दो अलग-अलग याचिकाएं सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई थीं। अधिवक्ता अभय गुप्ता और प्रशांत अरोड़ा द्वारा दायर याचिकाओं में से एक का दावा है कि यह आदेश बड़े पैमाने पर जनता के स्वास्थ्य के बुनियादी मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। दूसरी याचिका क्रमशः बिहार और उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी वकील गौतम कुमार और लॉ के छात्र गौरव सरकार ने दायर की थी।

प्रकोप

दिल्ली 28,936 पर पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार रात तक दिल्ली में 812 लोगों मौत हो चुकी थी और संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 28,936 पर पहुंच गया था। दिल्ली सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय पैनल ने अनुमान लगाया है कि दिल्ली में जून के अंत तक संक्रमितों की संख्या एक लाख के पार पहुंच जाएगी। इसलिए पैनल ने दिल्ली सरकार से मरीजों के इलाज के लिए 15,000 बेड की व्यवस्था करने को कहा था।