JNU केस: दिल्ली सरकार ने दी कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाजत
क्या है खबर?
दिल्ली सरकार ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में देशद्रोही नारों के मामलों में कन्हैया कुमार पर केस चलाने की इजाजत दे दी है।
मामले में कन्हैया पर देशद्रोही नारे लगाने का आरोप है।
नौ दिन पहले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनकी सरकार जल्द ही JNU देशद्रोह मामले में कन्हैया पर केस चलाने की मंजूरी पर जल्द ही फैसला लेगी।
अब उनकी सरकार ने इसकी इजाजत दे दी है।
मामला
9 फरवरी, 2016 को JNU में लगे थे देशद्रोही नारे
9 फरवरी, 2016 को JNU में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
लेकिन JNU प्रशासन ने इस कार्यक्रम को मंजूरी देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए।
आरोपों के अनुसार, इस दौरान कुछ छात्रों ने देशविरोधी नारे लगाए।
मामले में तब JNU छात्र संघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत अन्य कुछ छात्रों को गिरफ्तार किया गया था।
चार्जशीट
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में 10 छात्र मुख्य आरोपी
14 जनवरी, 2019 को मामले की 1,200 पेजों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने JNU के 10 छात्रों को मुख्य आरोपी बताया।
इनमें कन्हैया, खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात कश्मीरी छात्र शामिल हैं।
जुलाई में कोर्ट ने पुलिस से मामले में आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से मंजूरी लेने को कहा था।
पुलिस ने इसके लिए दिल्ली सरकार को तीन महीने का समय दिया था।
दिल्ली सरकार जबाव
पहले देशद्रोह का मुकदमा चलाने के समर्थन में नहीं थी दिल्ली सरकार
तब दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा था कि उसे मामले पर फैसला लेने के लिए अधिक समय चाहिए। मंजूरी न देने का संकेत देते हुए सरकार ने दिल्ली पुलिस पर जल्दबाजी में चार्जशीट दाखिल करने का आरोप लगाया।
तब खबरें आईं थी कि दिल्ली सरकार देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं देगी क्योंकि घटना में आरोपियों की गतिविधियां "सरकार के खिलाफ राजद्रोह" के दायरे में नहीं आतीं और आरोपियों ने देशद्रोही नारे नहीं लगाए थे।
मंजूरी
अब दिल्ली सरकार ने दी मंजूरी
इस 19 फरवरी को कोर्ट ने मामले में दिल्ली पुलिस से आरोपियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी और 3 अप्रैल को जबाव दाखिल करने को कहा।
इस बार दिल्ली सरकार ने अपना रुख बदलते हुए आरोपियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी।
एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, "गृह विभाग ने केस में कानूनी विशेषज्ञों की सलाह ली और सारे पक्ष देखने के बाद मंजूरी दी।"
धारा 124A
धारा 124A के मुकदमों में मंजूरी लेना जरूरी
बता दें कि मामले में कन्हैया समेत अन्य छात्रों पर IPC की धारा 124A (राजद्रोह) और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं।
धारा 124A के तहत आरोप तय करने से पहले सक्षम प्राधिकारी (इस मामले में दिल्ली सरकार) से मंजूरी लेनी होती है और अगर मंजूरी नहीं मिलती तो कोर्ट इस धारा पर आपत्ति जता सकती है।
गौरतलब है कि कन्हैया जमानत पर बाहर हैं और फिलहाल बिहार में एक चुनावी यात्रा निकाल रहे हैं।