दिल्ली दंगा: केजरीवाल बोले- हम चाहते हैं लोग अपने घरों को वापस लौटें
क्या है खबर?
दंगों से प्रभावित उत्तर-पूर्व दिल्ली में धीरे-धीरे सामान्य होते हालातों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि वे चाहते हैं कि लोग अपने घरों को वापस लौटें और उनके पड़ोसी उनका स्वागत करें।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार हर जरूरतमंद व्यक्ति तक मदद पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है।
बता दें कि पिछले रविवार से लेकर बुधवार तक हिंसा के बाद उत्तर-पूर्व के इलाकों में जिंदगी पटरी पर लौटती हुई दिखाई दे रही है।
ट्वीट
केजरीवाल बोले- अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहे
रविवार को ट्वीट करते हुए केजरीवाल ने लिखा, 'हम अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहे हैं। मैं व्यक्तिगत तौर पर ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा हूं कि हर जरूरतमंद व्यक्ति के पास राहत पहुंचे। हमारा लक्ष्य उनके जीवन को वापस पटरी पर लाना है। हम चाहते हैं कि लोग अपने घरों को वापस लौटें और उनके पड़ोसी उनका स्वागत करें।'
बता दें कि बुधवार शाम से ही केजरीवाल दंगा प्रभावित इलाकों को दौरा कर रहे हैं।
मुआवजा और राहत
प्रभावित लोगों के लिए क्या-क्या कर रही है दिल्ली सरकार?
केजरीवाल सरकार दंगे में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान कर चुकी है। इसके अलावा लोगों को हुए अन्य नुकसान के लिए भी मुआवजे का ऐलान किया गया है।
इसके अलावा घायलों को दिल्ली सरकार की 'फरिश्ते' योजना के तहत मुफ्त में इलाज दिया जाएगा।
सरकार दंगा प्रभावित इलाकों में खाना और अन्य साम्रगी पहुंचा रही है और मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
हिंसा
पिछले रविवार को शुरू हुई थी हिंसा
बता दें कि उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा की शुरूआत पिछले रविवार को हुई थी।
जाफराबाद में सैकड़ों महिलाओं के नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ एक सड़क पर धरने बैठने के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने CAA समर्थकों को मौजपुर चौक पर इकट्ठा होने का कहा था।
यहां मिश्रा ने एक भड़काऊ बयान दिया और उनके यहां से लौटने के ठीक बाद हिंसा शुरू हो गई और धीरे-धीरे ये बाकी इलाकों में फैल गई।
हिंसा
सोमवार को दंगे में बदली हिंसा, अब तक 42 की मौत
सोमवार को इस हिंसा ने दंगे का रूप ले लिया और जाफराबाद और मौजपुर के अलावा चांद बाग, भजनपुरा, यमुना विहार, गोकुलपुरी और शिव विहार आदि इलाकों में फैल गया।
इस दौरान दंगाइयों ने वाहनों, स्कूलों, घरों, दुकानों और पेट्रोल पंप आदि किसी चीज को नहीं बख्शा और आग लगा दी।
हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय इस हिंसा का शिकार हुए और अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं लगभग 400 लोग घायल हुए हैं।
जानकारी
गुरूवार से ठीक होना शुरू हुए हालात
गुरूवार से हिंसा में कमी आई और छुटपुट आगजनी की खबरों को छोड़ दिया जाए तो पिछले तीन दिनों से स्थिति शांत है। आज लोग सब्जी वगैरा खरीदने के लिए बाजार भी निकले। हालांकि कुछ इलाकों में अभी तनाव बना हुआ है।