एमपॉक्स को लेकर कोरोना महामारी जैसा खतरा? WHO ने घोषित किया सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के संक्रमण के प्रसार को देखते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया है। WHO ने अगस्त 2024 में हाई अलर्ट घोषित करने के बाद आपातकालीन समिति की बैठक की थी, जिसमें 23 नवंबर को यह निर्णय लिया गया है। अभी तक इसको लेकर कोरोना महामारी जैसा खतरा सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ बता रहे हैं कि यह वैश्विक स्तर पर फैल सकता है।
8 सितंबर को भारत में आया पहला मामला
भारत में एमपॉक्स का पहला मामला 8 सितंबर, 2024 को केरल में सामने आया था, जो वायरस के क्लेड 1B वरिएंट का रूप है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अरुण गुप्ता ने बताया कि दुनियाभर में मामले तेजी से बढ़ने के कारण इसके भारत में फैलने की संभावना अधिक है। उन्होंने बताया कि विदेश से आने वाले लोगों पर विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। हालांकि, उनका कहना है कि इसके महामारी में बदलने की संभावना कम है।
कोरोना और एमपॉक्स में कौन अधिक घातक?
कोरोना वायरस ने 2020 में भारत समेत पूरे विश्व में अपना आतंक फैलाया था। WHO ने इसके मामलों में वृद्धि और गंभीरता को देखते हुए इसे महामारी घोषित की थी। एमपॉक्स को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इसके महामारी में बदलने की संभावना कम है, लेकिन इसका प्रसार तेजी से होगा। इसमें मृत्यु दर भी काफी कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तरह एमपॉक्स में मानव के सांस के जरिए प्रसार की संभावना बहुत कम है।
क्या है एमपॉक्स वायरस?
एमपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली से है, जिसमें ऑर्थोपॉक्स, वेरियोला, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य वायरस शामिल हैं। वर्तमान वायरस ऑर्थोपॉक्स प्रजाति का है और इसके 2 वेरिएंट हैं, जो प्रकृति में अलग-अलग हैं। इनमें क्लेड 1B (उत्पत्ति- मध्य अफ्रीकी कांगो बेसिन) और क्लेड 2 (उत्पत्ति- पश्चिम अफ्रीका) हैं। ये दोनों विरिएंट रोग की गंभीरता और प्रभावित आबादी पर अपने प्रभाव को प्रभावित भी करते हैं। इसका पहला मामला 1958 में कांगो में दर्ज किया गया था।
कैसे फैलता है एमपॉक्स?
WHO के अनुसार, किसी संक्रमित जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से दूसरे व्यक्ति के त्वचा के स्पर्श और नजदीक आने से यह फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से भी बीमारी हो सकती है। वायरस छिली हुई त्वचा और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। साल 2022 में यह वायरस ज्यादातर यौन संपर्क के माध्यम से फैला था।
एमपॉक्स के क्या हैं लक्षण?
ऑर्थोपॉक्स प्रजाति के एमपॉक्स वायरस के कारण त्वचा पर लाल चकत्ते, उसके बाद मवाद से भरे छाले, तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ऊर्जा की कमी, लिम्फ नोड्स में सूजन और गले में खराश जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। ये छाले हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों, चेहरे, मुंह, गले, कमर और जननांग क्षेत्रों या गुदा पर हो सकते हैं। शुरुआती चरण में ये अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में स्थिति खराब होती है।
अभी कहां तक फैला एमपॉक्स?
WHO के अनुसार, 1 जनवरी, 2022 से 5 सितंबर, 2024 तक अफ्रीका के 20 WHO सदस्य-देशों सहित 121 देशों से एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं। इस अवधि में वायरस की चपेट में आने से 229 लोगों की मौत हुई है और कुल 1,03,048 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। भारत में मिला पहला मामला भी अफ्रीका की यात्रा करने के कारण सामने आया है। मामलों की संख्या में वृद्धि के बावजूद अफ्रीका में वैक्सीन की कमी है।