क्या कोविड वैक्सीन की चौथी खुराक लगवानी चाहिए? जानिए विशेषज्ञ की राय
क्या है खबर?
चीन में कोरोना वायरस के भयंकर प्रकोप के बाद भारत अलर्ट पर है और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने स्थिति का जायजा लेने के लिए कल समीक्षा बैठक की थी।
बैठक के बाद सरकार ने सभी लोगों की कोविड वैक्सीन की तीसरी खुराक लगवाने की सलाह दी।
कुछ लोग पहले से ही तीसरी खुराक लगवा चुके हैं, ऐसे में उनके मन में सवाल है कि क्या उन्हें चौथी खुराक लगवानी चाहिए। आइए इस मामले पर विशेषज्ञों की राय जानते हैं।
आंकड़े
सबसे पहले जानिए कितने लोग लगवा चुके हैं तीसरी खुराक
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में बुधवार तक लगभग 22.35 करोड़ लोग कोविड वैक्सीन की तीसरी यानि बूस्टर खुराक लगवा चुके हैं।
6.95 करोड़ बूस्टर खुराकें 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों ने लगवाई हैं, वहीं 18 से 59 साल के लगभग 15.40 करोड़ लोग बूस्टर खुराक लगवा चुके हैं।
अब फिर से कोरोना का खतरा छाने के बाद इन लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें चौथी खुराक लगवानी चाहिए।
राय
विशेषज्ञों की क्या राय?
दिल्ली AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि लोगों को फिलहाल वैक्सीन की तीन खुराक ही लगवानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभी ऐसा कोई डाटा नहीं है जो साबित करता हो कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए चौथी खुराक की जरूरत है।
डॉ गुलेरिया के अनुसार, बाईवेलेंट वैक्सीन जैसी कोई विशेष वैक्सीन उपलब्ध न होने तक लोगों को चौथी खुराक नहीं लगवानी चाहिए।
परिचय
बाईवेलेंट वैक्सीन क्या होती है?
बाईवेलेंट वैक्सीन एक ऐसी वैक्सीन होती है जो कोविड बीमारी पैदा करने वाले मूल SARS-CoV-2 वायरस और इसके ओमिक्रॉन वेरिएंट से मिलकर बनाई जाती है।
चूंकि यह इन दोनों से मिलकर बनती है, ऐसे में इन दोनों के खिलाफ प्रभावी होती है और संक्रमण से विस्तृत सुरक्षा प्रदान करती है।
शुरूआती वैक्सीनों को मूल स्ट्रेन की मदद से बनाया गया था और ये आमिक्रॉन के खिलाफ ज्यादा प्रभावी नहीं थी, जिसके बाद इन बाईवेलेंट वैक्सीन को विकसित किया गया है।
स्थिति
क्या भारत में कोई बाईवेलेंट वैक्सीन है?
अभी भारत में जो वैक्सीनें इस्तेमाल की जा रही हैं, उनमें से कोई भी बाईवेलेंट वैक्सीन नहीं है।
भारत के बाहर भी फाइजर और मॉडर्ना की mRNA वैक्सीनों से बाईवेलेंट वैक्सीन बनाई गई हैं और इनका चौथी खुराक के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है।
डॉ गुलेरिया ने कहा कि mRNA वैक्सीनों की चौथी खुराक का असर तीसरी खुराक के मुकाबले बहुत जल्दी खत्म हो जाता है और इनकी प्रभावशीलता बेहद कम समय तक रहती है।
भारत में कोरोना
भारत में क्या है महामारी की स्थिति?
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 185 नए मामले सामने आए और एक मरीज की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 4,46,76,515 हो गई है। इनमें से 5,30,681 मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। बीते दिन हुई एकमात्र मौत राजधानी दिल्ली में हुई।
देश में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 3,402 हो गई है, वहीं वैक्सीन की 2.20 अरब खुराकें लगाई जा चुकी हैं।