कैडिला हेल्थकेयर ने कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D के उत्पादन के लिए शिल्पा मेडिकेयर के साथ किया समझौता
क्या है खबर?
गुजरात स्थित फार्मा कंपनी जायडस-कैडिला हेल्थकेयर ने शुक्रवार को अपनी तीन खुराक वाली कोरोना वायरस वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) के उत्पादन के लिए शिल्पा मेडिकेयर के साथ एक समझौता किया है।
कंपनी जल्द ही वैक्सीन उत्पादन शुरू करेगी और इसके अक्टूबर अंत तक बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है। यह वैक्सीन 12 साल की आयु के बच्चों को दी जाएगी।
कैडिला हेल्थकेयर ने इसकी जानकारी दी है। कंपनी ने यह समझौता शिल्पा बायोलॉजिकल्स के जरिए किया है।
मंजूरी
वैक्सीन को अगस्त में मिली थी मंजूरी
बता दें कि कंपनी ने जुलाई में अपनी वैक्सीन को मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के समक्ष आवेदन किया था।
वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों की समीक्षा करने के बाद DCGI ने 21 अगस्त को वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और व्यस्कों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।
बता दें कि भारत में 18 साल से कम आयु वर्ग पर इस्तेमाल के लिए मंजूरी पाने वाली यह पहली वैक्सीन है।
प्रभावी
तीसरे चरण के ट्रायल में 66.66 प्रतिशत प्रभावी मिली थी वैक्सीन
ZyCoV-D प्लास्मिड DNA प्लेटफॉर्म पर बनी दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है, जिसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
इस वैक्सीन को कंपनी ने भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिलकर तैयार किया है और यह तीसरे चरण के ट्रायल में 66.66 प्रतिशत प्रभावी पाई गई थी।
भले ही इस वैक्सीन को 12-18 साल के उम्र वर्ग पर इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई, लेकिन वैक्सीनेशन की शुरुआत का निर्णय सरकार पर होगा।
कोरोना वैक्सीन
ये हैं ZyCoV-D की खूबियां
शरीर के अंदर जाने पर ZyCoV-D कोरोना जैसी स्पाइक प्रोटीन बनाएगी, जिन्हें पहचान कर इम्युन सिस्टम एंटीबॉडीज बनाना शुरू कर देगा। इन्हें वेरिएंट्स के हिसाब से बदला जा सकता है।
DNA प्लेटफॉर्म पर आधारित होने के कारण इस वैक्सीन को स्टोरेज के लिए बहुत ठंडे तापमान की जरूरत नहीं होती और इसकी लागत भी कम है।
इसके अलावा इसके उत्पादन के लिए कोवैक्सिन और दूसरी वैक्सीनों की तरह अति उच्च जैव सुरक्षा वाले संयंत्र की जरूरत नहीं होती।
प्रक्रिया
वैक्सीन लगाने के लिए सुई वाले इंजेक्शन की नहीं पड़ेगी जरूरत
जायडस कैडिला वैक्सीन की एक और खास बात यह है कि इसे लगाने के लिए सुई वाले इंजेक्शन की जरूरत नहीं होगी। यह इंट्राडर्मल इंजेक्शन होगा, जिसे लगाना आसान होता है।
बता दें कि इंट्राडर्मल इंजेक्शन वो होते हैं, जो मांसपेशियों की बजाय त्वचा में लगाए जाते हैं। इस वजह से वैक्सीन लगवाते समय होने वाला दर्द भी कम हो जाता है।
भारत में मंजूरी पाने वाली यह कुल छठी और कोवैक्सिन के बाद दूसरी स्वदेशी वैक्सीन है।
जानकारी
28वें दिन दूसरी और 56वें दिन लगेगी तीसरी खुराक
जायडस की वैक्सीन की दूसरी खुराक को पहली खुराक के 28वें दिन और तीसरी खुराक को 56वें दिन दिया जाएगा। कंपनी दो खुराकों वाली वैक्सीन पर भी काम कर रही है। इसके लिए नियामक संस्था ने अतिरिक्त आंकड़ों की मांग की है।
बयान
उत्पादन एवं आपूर्ति के लिए शिल्पा मेडिकेयर से किया समझौता- कैडिला
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कैडिला हेल्थकेयर ने कहा, "कंपनी ने ZyCoV-D वैक्सीन के उत्पादन एवं आपूर्ति के लिए शिल्पा मेडिकेयर के साथ, उसकी पूर्व स्वामित्व वाली इकाई शिल्पा बायोलॉजिकल्स के जरिए एक बाध्यकारी समझौता किया है।"
कंपनी ने आगे कहा, "वह ZyCoV-D की तकनीक शिल्पा बायोलॉजिकल प्राइवेट लिमिटेड (SBPL) को हस्तांतरित करेगी। समझौते के तहत SBPL वैक्सीन के लिए दवा तत्व के निर्माण के लिए जिम्मेदार होगी, जबकि कंपनी पैकेजिंग, वितरण और विपणन के लिए जिम्मेदार होगी।"
जानकारी
कंपनी ने रखा एक साल में 12 करोड़ खुराकों के उत्पादन का लक्ष्य
कैडिला ने कहा कि उसे अक्टूबर के अंत तक वैक्सीन की आपूर्ति शुरू किए जाने की उम्मीद है। कंपनी ने एक साल में वैक्सीन की 10-12 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। भारत के वैक्सीनेशन अभियान में यह लक्ष्य मजबूती प्रदान करेगा।