अच्छी खबर! भारत में लगातार कम हो रहा कोरोना वायरस R0, जानें क्या हैं इसके मायने
कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक और अच्छी खबर आई है। भारत में कोरोना वायरस के प्रसार का R0 लगातार नीचे गिर रहा है और ये 11 अप्रैल को 1.55 से गिरकर अब 1.36 पर पहुंच गया है। R0 से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की दर का पता चलता है और ये जितनी कम होती है, संकमण उतनी कम तेजी से फैलता है। गणितीय विज्ञान संस्थान (IMS) के वैज्ञानिकों ने ये आंकड़ा पेश किया है।
क्या होता है R0?
R0 को 'आर नॉट' या 'आर जीरो' करके पढ़ा जाता है और ये किसी वायरस के फैलने की दर बताता है। R0 का मतलब है कि किसी वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति अन्य कितने व्यक्तियों में वायरस फैला रहा है। अगर R0 दो या इससे अधिक है तो इसका मतलब एक मरीज दो से अधिक व्यक्तियों में संक्रमण फैला रहा है। जब R0 एक से नीचे जाने लगता है तो इसका मतलब बीमारी अपने अंत की तरफ है।
कैसे एक से कम हो सकता है R0?
बिना किसी वैक्सीन या सफल उपचार के किसी भी वायरस का R0 जीरो के कम करना बेहद मुश्किल होता है। जब तक कोरोना की वैक्सीन या इलाज नहीं आता, तब तक सोशल डिस्टेंसिंग जैसे प्रावधानों से इसे एक के बेहद नजदीक लाया जा सकता है।
छह अप्रैल को 1.83 था R0
IMS के वैज्ञानिकों के अनुसार, भारत में छह अप्रैल को R0 1.83 था जो 11 अप्रैल को घटकर 1.55 पर आ गया। अब ये और कम होकर 1.36 पर आ गया है। इसका मतलब भारत में कोरोना वायरस का एक मरीज डेढ़ से भी कम लोगों में संक्रमण फैला रहा है। IMS के वैज्ञानिक सीताभरा सिन्हा ने कहा, "आंकड़े दर्शाते हैं कि 13 अप्रैल से संक्रमित मामलों के बढ़ने की दर लगातार कम हो रही है।"
लॉकडाउन के बिना 27 अप्रैल तक होते एक लाख मामले
सिन्हा के अनुसार, R0 का कम होना दर्शाता है कि लॉकडाउन काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से पहले चार मार्च को R0 1.83 था और अगर इसी दर से जाते तो भारत में 27 अप्रैल तक एक लाख मामले हो जाते। उन्होंने कहा, "अगर मौजूद दर में कोई बदलाव नहीं होता है तो 27 अप्रैल तक भारत में कोरोना वायरस के लगभग 25,000 मामले होंगे जो अनुमानित आंकड़ों के एक चौथाई हैं।"
महाराष्ट्र में भी सुधार के संकेत
सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के बारे में सिन्हा ने कहा कि महाराष्ट्र में छह अप्रैल से संक्रमण दर कम होने के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन विश्लेषण के लिहाज से कम मामले होने के कारण अभी बढ़ने की दर नहीं पता लगाई जा सकती।
कोरोना के मामले दोगुने होने की दर भी हुई कम
इससे पहले केंद्र सरकार कोरोना वायरस के मामले दोगुने होने की दर कम होने की बात कह चुकी है। सरकार के मुताबिक लॉकडाउन से पहले भारत में कोरोना वायरस के मामले 3.4 दिन में दोगुने हो रहे थे जो अब घटकर 7.5 दिन पर आ गए हैं। 18 राज्यों में तो दर इससे भी कम है और केरल में सबसे अधिक 72.2 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं। केरल वायरस को मात देने की कगार पर है।
अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है भारत
केंद्र सरकार के एक विश्लेषण में भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर होने की बात सामने आई है। भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर मरीजों और मौतों की संख्या अन्य देशों के मुकाबले कई गुना कम है। टेस्ट पॉजिटिव आने की दर भी बेहद कम है। सरकार के अनुमान के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के मामले मई के पहले हफ्ते में अपने पीक (उच्चतम स्तर) पर होंगे। इसके बाद मामले कम होना शुरू हो जाएंगे।
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
भारत में मंगलवार शाम पांज बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 18,985 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 603 लोगों की मौत हुई है, वहीं 3,260 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 4,669 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 232 को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है।