कोरोना वायरस: INSACOG ने की देश में XE वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि
क्या है खबर?
देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच भारतीय SARS-CoV2 जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) ने सोमवार को देश में बेहद संक्रामक माने जा रहे XE वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि कर दी है।
हालांकि, संक्रमित व्यक्ति के निवास स्थान का खुलासा नहीं किया गया है।
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र और गुजरात से इस वेरिएंट के दो मामले सामने आने की बात कही गई थी, लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो पाई थी।
गंभीरता
XE वेरिएंट को लेकर क्या है INSACOG की राय?
INSACOG की ओर से कहा गया है कि जीनोम अनुक्रमण के विश्लेषण के आधार पर सामने आया है कि BA.2.10 और BA.2.12 ओमिक्रॉन के BA.2 वेरिएंट के सब वेरिएंट हैं।
इसी तरह कई पुराने BA.2 वेरिएंटों को इन नए सब वेरिएंटों में पुनर्वर्गीकृत किया गया है। इसी तरह देश में कोरोना के बहुत कम रिकॉम्बिनेंट (पुन: संयोजित) स्वरूप पाये गये हैं।
ऐसे में इनसे संक्रमण में वृद्धि और गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का खतरा नहीं है।
स्पष्ट
सबसे ज्यादा सैंपलों में मिला है ओमिक्रॉन वेरिएंट
INSACOG ने कहा है कि देश में अब तक की गई कुल जीनोम सीक्वेंसिंग में से 1,19,834 संक्रमितों के सैंपलों में चिंता के प्रकार वाले वेरिएंटों की पुष्टि हुई है। इनमें से सबसे ज्यादा 45,359 सैंपलों में ओमिक्रॉन वेरिएंट मिला है।
इसी तरह 43,928 सैंपलों में डेल्टा, 20,450 में AY सीरीज, 5,607 में B.1.617, 4,266 में अल्फा, 220 में बीटा, तीन में गामा और महज एक सैंपल में XE वेरिएंट की पुष्टि हुई है। यह राहत की बात है।
जानकारी
देश में अभी तक नहीं मिला XE वेरिएंट का कलस्टर
INSACOG ने कहा है कि भले ही देश में XE के पहले मामले की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन इसका प्रसार नहीं हो रहा है। यही कारण है कि देश में अभी तक इस वेरिएंट का कोई भी कलस्टर सामने नहीं आया है।
राहत
XE वेरिएंट की उपस्थिति के बाद भी कम हैं संक्रमण के मामले
INSACOG ने कहा है कि कई ओमिक्रॉन सब वेरिएंट और XE वेरिएंट की मौजूदगी के बाद भी देश में संक्रमण के मामले अपेक्षाकृत कम है। इसके लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार और पिछले वेरिएंटों के लिए बनी एंटीबॉडी प्रमुख कारण है।
बता दें कि INSACOG केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए शुरू की गई 38 लैबों का एक नेटवर्क है। इसमें वायरस के नए वेरिएंटों का पता लगाया जाता है।
सवाल
क्या है कोरोना वायरस का XE वेरिएंट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कोरोना वायरस का XE वेरिएंट ओमिक्रॉन के दो सब वेरिएंट (BA.1 और BA.2) का म्यूटेंट हाइब्रिड है। यानी यह इन दोनों सब वेरिएंटों से मिलकर बना है।
हालांकि, फिलहाल इसके दुनियाभर में कुछ ही मामले सामने आए हैं, लेकिन इसकी संक्रमण दर के बहुत अधिक होने की संभावना है।
WHO ने कहा है कि यह वेरिएंट ओमिक्रॉन के मूल वेरिएंट BA.2 की तुलना में करीब 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक प्रतीत होता है।
प्रसार
कितनी तेजी से फैलता है XE वेरिएंट?
WHO के अनुसार, शुरुआती अनुमान के आधार पर XE वेरिएंट BA.2 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक हो सकता है, लेकिन इस दावे की पुष्टि के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, XE वेरिएंट से संक्रमितों में बुखार, गले में खराश, खांसी, जुुकाम, त्वचा में जलन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसे सामान्य और हृदय रोग, धड़कन और कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ होने जैसे कई गंभीर लक्षण भी सामने आ सकते हैं।
जानकारी
क्या XE वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है वैक्सीन?
विशेषज्ञों के अनुसार, वैक्सीन भले ही XE वेरिएंट के खिलाफ पूर्ण सुरक्षा नहीं दे, लेकिन गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के खतरे को कम करेगी। हालांकि, वैक्सीन के वेरिएंट पर प्रभाव का और गहनता के साथ अध्ययन किया जा रहा है।
रफ्तार
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि वर्तमान में देश के 12 राज्यों में पिछले सप्ताह की तुलना में संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है, जबकि 19 राज्यों में गिरावट देखी गई है।
सोमवार को देश में संक्रमण के 2,568 नए मामले सामने आए और 20 लोगों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में संक्रमितों की संख्या 4,30,84,913 हो गई है। इनमें से 5,23,889 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 19,137 हो गई है।