चीन पश्चिम क्षेत्र में कर रहा है J-16 लड़ाकू विमानों के उपयोग की तैयारी
क्या है खबर?
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत के साथ चल रहे उच्च स्तरीय तनाव के बीच चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अपनी तैयारियों को मजबूती देना शुरू कर दिया है।
चीनी मीडिया के अनुसार LAC पर दोनों देशों की ओर से सैनिकों और हथियारों की तैनाती को बढ़ाए जाने को लेकर चीन ने अब पश्चिम क्षेत्र में मल्टीरोल स्ट्राइकर फाइटर जेट J-16 के नए स्क्वाड्रन संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
आदेश
PLA ने WTC को दिए J-16 लड़ाकू विमानों के उपयोग के निर्देश
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, PLA ने LAC की सुरक्षा का प्रभार संभालने वाली पश्चिमी थिएटर कमांड (WTC) देश के पश्चिमी क्षेत्रों में J-16 लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ाने और उनके उपयोग के निर्देश दिए हैं।
PLA के इस आदेश को LAC पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए आवश्यक मात्रा में हथियार और रसद सामग्री पहुंचाने के प्रयासों का एक हिस्सा माना जा रहा है।
बता दें कि PLA की ओर से सीमा पर लगातार तैनाती बढ़ाई जा रही है।
युद्धाभ्यास
WTC की एक ब्रिगेड ने किया अभ्यास
चीनी के अखबार ग्लोबल टाइम्स के PLA और WTC के अकाउंट से प्रकाशित एक आधिकारिक ऑनलाइन लेख के अनुसार WTC वायु सेना से जुड़ी एक ब्रिगेड ने हाल ही में यूनिट की व्यापक लड़ाकू क्षमता की जांच करने और उसे बढ़ाने के लिए उसकी हवा से हवा मार करने वाला एक युद्धाभ्यास किया था।
इन J-16 लड़ाकू विमानों को देश के पश्चिमी क्षेत्रों में चीन की क्षेत्रीय अखंडता की बेहतर सुरक्षा के लिए तैनात किया जा रहा है।
तैयारी
जल्द ही J-16 लड़ाकू विमानों का उपयोग शुरू करेगी WTC
PLA के सूत्रों के अनुसार WTC की यह बिग्रेड जल्द ही पूरी तरह से J-16 लड़ाकू विमानों का उपयोग शुरू करेगी और इसके लिए इस साल के अंत तक सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है। J-16 चीन द्वारा निर्मित तीसरी जनरेशन का लड़ाकू विमान है।
हालांकि, PLA ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह किस लड़ाकू विमान की जगह J-16 लड़ाकू विमानों का उपयोग करेगी, लेकिन यह भारत के लिए चिंता का विषय है।
विशेषता
यह है J-16 लड़ाकू विमान की विशेषताएं
J-16 लड़ाकू विमान एक रूसी फाइटर जेट श्रृंखला पर आधारित है, लेकिन इसमें पूरी तरह से चीनी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है।
यह ट्विन सीटर और ट्विन इंजन मल्टी रोल फाइटर जेट है, जो हवा से हवा में मुकाबला करने में दक्ष है।
इसने 30 जुलाई, 2017 को उत्तरी चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र के ज़ुरीहे सैन्य प्रशिक्षण आधार पर सेना दिवस परेड में पहली बार अपनी दक्षता दिखाई थी।
जानकारी
J-16 लड़ाकू विमान में बताया जा रहा है बेहतरीन रडार सिस्टम
J-16 लड़ाकू विमान रूसी Su-27 एयरोडायनामिक डिजाइन पर बना है। इसमें WS-10 ताइहंग इंजन, बेहतरीन रडार सिस्टम और निशाला लगाने और उसे भेदने की आधुनिक तकनीक मौजूद है। ऐसे में इसकी तैनाती भारत के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
पृष्ठभूमि
LAC पर अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हैं भारत और चीन
भारत और चीन के बीच मई में तनाव की शरुआत हुई थी। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद हालात ज्यादा बिगड़ गए थे।
उसके बाद से दोनों सेनाएं सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सैनिकों की तैतानी में जुटी है।
इतना ही नहीं भारत ने फ्रांस से खरीदे पांच राफेल लड़ाकू विमानों को भी यहीं तैनात किया है। उसको देखते हुए चीन ने यह कदम उठाया है।
वार्ता
दोनों देशों के बीच हो चुकी कमांडर स्तर की आठ वार्ताएं
अब तक दोनों सेनाओं के बीच कमांडर स्तर की आठ बैठकें हो चुकी है, लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं निकला है।
6 नवंबर को अंतिम दौर की वार्ता में दोनों पक्षों के सयंत बरतने पर सहमति हुई थी।
आठवीं वार्ता के बाद दोनों देश जल्द ही कोर कमांडर-रैंक के अधिकारियों के बीच नौवें दौर की वार्ता के लिए सहमत हुए हैं, लेकिन अभी तक तारीख तय नहीं की गई है। इसके बाद भी दोनों के बीच तनाव बरकरार है।