सीमा विवाद: भारत-चीन के बीच आठवें दौर की सैन्य बातचीत भी रही बेनतीजा
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बने गतिरोध को तोड़ने के लिए भारत और चीन के बीच शुक्रवार को चुशूल में आठवें दौर की सैन्य बातचीत हुई। भारत सरकार ने बयान जारी करते हुए बातचीत को रचनात्मक बनाया, हालांकि इसमें कोई विवाद के निपटारे को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई। बयान के अनुसार, दोनों पक्ष जल्द ही अगले दौर की बातचीत करने के लिए भी तैयार हुए हैं। हालांकि इसके लिए कोई निश्चित तारीख नहीं बताई गई है।
भारत ने कहा- तनाव कम करने के लिए हुए स्पष्ट और गहन बातचीत
रविवार सुबह जारी किए गए अपने बयान में भारत ने कहा, "6 नवंबर को चुशूल में भारत-चीन के कॉर्प्स कमांडरों के बीच आठवें दौर की बैठक हुई। दोनों पक्षों में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए स्पष्ट, गहन और रचनात्मक बातचीत हुई। दोनों पक्ष दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने, अग्रमि मोर्चे के सैनिकों को संयम में रखने और गलतफहमी से बचने पर सहमत हुए।"
सैन्य और राजनयिक माध्यमों के जरिए बातचीत जारी रखने पर बनी सहमति
भारत सरकार के बयान के अनुसार, दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक माध्यमों के जरिए बातचीत करते रहने और संपर्क बनाए रखने और इस बैठक की बातचीत को आगे ले जाते हुए अन्य मुद्दों के समाधान का प्रयास करने पर भी सहमत हुए, ताकि सीमावर्ती इलाकों में साझा रूप से शांति स्थापित की जा सके। बयान में दोनों पक्षों के जल्द ही अगले दौर की बातचीत करने पर सहमत होने की बात भी कही गई है।
LAC पर चार जगहों पर आमने-सामने हैं दोनों देशों के सैनिक
बता दें कि भारत और चीन के बीच अप्रैल से LAC पर तनाव बना हुआ है और अभी चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। इनमें देपसांग, गोगरा, पैंगोंग झील का फिंगर्स एरिया और चुशूल सब-सेक्टर शामिल हैं। पहली तीन जगहों पर तो चीनी सैनिक भारत की जमीन पर बैठे हुए हैं। फिंगर्स एरिया और चुशूल में स्थिति सबसे अधिक नाजुक है और यहां कहीं-कहीं दोनों देशों के सैनिकों के बीच मात्र 300-500 मीटर का फासला है।
अक्साई चिन में भी चीन ने जमा किए 50,000 सैनिक
इसके अलावा चीन ने अक्साई चिन में भी अपने तकरीबन 50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं और इसके कारण उसके मंसूबों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। भारत को आशंका है कि चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम पास पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है और इसी खतरे को देखते हुए उसने काराकोरम के पास दौलत बेग ओल्डी (DBO) में टी-90 मिसाइल टैंक तैनात किए हैं। LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की गई है।
तनाव कम करने के लिए बातचीत जारी, लेकिन जल्द निपटारे की उम्मीद कम
दोनों पक्षों में तनाव कम करने के लिए बातचीत भी जारी है और 10 सितंबर को हुई दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में तनाव कम करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमति बनी थी। इसके अलावा 21 सितंबर को हुई सैन्य बैठक में दोनों देश LAC पर और सैनिक भेजना बंद करने पर सहमत हुए। हालांकि विवाद का निपटारा जल्द होने की उम्मीदें बेहद कम हैं और दोनों देश लंबे गतिरोध की तैयारी कर चुके हैं।