जानिए क्या है NIA कानून, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस कानून को असंवैधानिक बताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि NIA को राज्यों में पुलिसिंग के मामलों में कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। उसने कहा कि ये कानून केंद्र सरकार को मनमानी शक्तियां देता है। आखिर ये NIA कानून है क्या और इसे लेकर क्यों विवाद है, आइए जानते हैं।
NIA कानून का जन्म 26 दिसंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद हुआ था। हमले के बाद उठे सवालों में एक ऐसी केंद्रीय जांच एजेंसी की जरूरत महसूस की गई थी जो देशभर में आतंक संबंधी मामलों की जांच कर सके और ऐसे हमलों को होने से पहले ही रोक सके। इन्हीं सवालों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम NIA कानून लेकर आए थे जिससे 2009 में NIA का जन्म हुआ।
NIA को अमेरिका की FBI की तर्ज पर बनाया गया है और इसके पास केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से भी अधिक शक्तियां हैं। इस कानून के तहत NIA को देश के किसी भी इलाके में आतंकी मामलों की जांच करने का अधिकार है। इनमें देश की अखंडता और संप्रभुता, बम विस्फोट, विमान अपहरण और परमाणु ठिकानों पर हमले आदि शामिल हैं। किसी आतंकी हमले से पहले ही आतंकियों की नापाक साजिशों को नाकाम करना NIA के जिम्मे होता है।
NIA कानून के तहत NIA किसी भी राज्य में आतंकी गतिविधियों का स्वतः संज्ञान ले उनकी जांच कर सकती है और आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर सकती है। किसी भी राज्य में घुसने के लिए NIA को राज्य सरकार की अनुमति नहीं चाहिए होती है। इस आखिरी प्रावधान के कारण ही इसे लेकर विवाद होता है क्योंकि राज्य सरकारें इसे उसके अधिकार क्षेत्रों में दखलअंदाजी मानती हैं।
NIA पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर केंद्र सरकार के इशारों पर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने का आरोप भी लगता रहता है। चूंकि पुलिस व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आती है, इसलिए भी इस पर सवाल उठते रहते हैं।
हाल ही में मोदी सरकार ने भी NIA कानून में संशोधन किया था और इसे लेकर भी काफी विवाद हुआ था। इन संशोधनों में NIA को मानव तस्करी, जाली नोटों से जुड़े अपराधों, प्रतिबंधित हथियारों का निर्माण या ब्रिकी, साइबर आतंकवाद और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 के अंतर्गत आने वाले मामलों में भी जांच का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा विदेशों में भारतीय नागरिकों पर आतंकी हमले की जांच भी NIA कर सकेगी।
कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने इन संशोधनों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि NIA को इतनी व्यापक शक्तियां देने से उसके राजनीतिक दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाएगी। उन्होंने मोदी सरकार पर NIA का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।