जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में प्रियंका गांधी का धरना, कहा- सरकार के खिलाफ लड़ेंगे
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इंडिया गेट पर धरना दिया। वो छात्रों के समर्थन में दो घंटे के धरने पर बैठी थीं। धरने की तस्वीरों में प्रियंका को इंडिया गेट के सामने बैठे हुए देखा जा सकता है। उनके साथ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी बैठे हुए थे। कांग्रेस के 300 से अधिक कार्यकर्ताओं ने इसमें हिस्सा लिया।
प्रियंका बोलीं, हम संविधान के लिए इस सरकार से लड़ेंगे
धरना शुरू होने से चंद मिनटों पहले समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए प्रियंका ने कहा, "सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी में घुसकर छात्रों पर हमला किया। हम संविधान के लिए लड़ेंगे। हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे।" उनके इस धरने में अहमद पटेल के अलावा केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी, पीएल पुनिया और अंबिका सोनी समेत कई अहम कांग्रेस नेता भी शामिल हुए।
"युवा देश की आत्मा, सरकार ने देश की आत्मा पर हमला बोला"
वहीं धरना खत्म होने के बाद प्रियंका ने फिर से सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "सरकार ने संविधान पर हमला बोला है। ये देश की आत्मा पर हमला है, युवा देश की आत्मा हैं। प्रदर्शन करना उनका अधिका है। मैं भी एक मां हूं। आप उनकी लाइब्रेरी में घुसे, उनके बाहर घसीटा और उनकी पिटाई की। ये तानाशाही है। कांग्रेस का हर व्यक्ति इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेगा और छात्रों के साथ खड़ा होगा।"
'कायर है ये सरकार'
इससे पहले रविवार रात जामिया के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की खबर सामने आने के बाद भी प्रियंका ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था, 'देश के विश्वविद्यालयों में घुस-घुसकर विद्यार्थियों को पीटा जा रहा है। जिस समय सरकार को आगे बढ़कर लोगों की बात सुननी चाहिए, उस समय भाजपा सरकार उत्तर पूर्व, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में विद्यार्थियों और पत्रकारों पर दमन के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। यह सरकार कायर है।'
जनता की आवाज से डरती है सरकार- प्रियंका
रविवार को जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन के समय हुई थी हिंसा
बता दें कि रविवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में छात्रों के अलावा बाहरी लोग भी शामिल थे। इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद कुछ अज्ञात लोगों ने DTC की तीन बसों को आग के हवाले कर दिया। छात्रों का कहना है कि ये हिंसा बाहर से आए लोगों ने की थी और पुलिस के लाठीचार्ज के बाद हालात और खराब हुए।
रात को जामिया के अंदर घुसी पुलिस
रात को प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के बहाने दिल्ली पुलिस जामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुस गई और 100 से अधिक छात्रों को हिंसा में शामिल होने के लिए गिरफ्तार कर किया। छात्रों ने पुलिस पर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी और लड़कियों के हॉस्टल तक में घुसने का आरोप लगाया है। पुलिस के आंसू गैस के गोले छोड़ने की बात भी कही जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके साथ अपराधियों जैसा सलूक किया और उन्होंने छिपकर अपनी जान बचाई।
देशभर के विश्वविद्यालयों के छात्रों ने किया जामिया के समर्थन में प्रदर्शन
इस बीच सोमवार को देश के कई बड़े विश्वविद्यालय जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में खड़े हो गए। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जाधवपुर विश्वविद्यालय, मौलाना आजाद विश्वविद्यालय हैदराबाद, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) समेत कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने आज जामिया के छात्रों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच जामिया के छात्रों ने भी अपनी प्रदर्शन जारी रखा और शर्त उतारकर प्रदर्शन किया।