निर्भया केस: दोषियों ने सात साल में 23 बार तोड़े जेल के नियम, कमाए इतने पैसे
निर्भया केस के दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी के फंदे पर लटकाया जाना था, जिसे अभी के लिए टाल दिया गया है। एक आरोपी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है, अगर याचिका खारिज होती है तो इसके 14 दिन बाद उन्हें फांसी दी जाएगी। इस बीच चारों दोषियों के जेल में बिताए गए सात साल के आचरण की रिपोर्ट सामने आई है। आइए जानते हैं कि रिपोर्ट में क्या-क्या सामने आया।
मुजरिम विनय ने तोड़े सबसे अधिक बार जेल के नियम
जानकारी के अनुसार चारों मुजरिमों ने कुछ 23 बार जेल के नियम तोड़े। विनय ने सबसे ज्यादा 11 बार जेल के नियमों को तोड़ा है। पवन ने आठ बार, मुकेश ने तीन और अक्षय ने एक बार जेल के नियमों को तोड़ा है। इसके एवज में जेल प्रशासन की ओर से उन्हें सजा भी दी गई। इससे जाहिर होता है कि जेल में रहने के बाद भी दोषियों ने नियमों के तहत काम करना नहीं सीखा।
सात सालों में दोषियों ने कमाए एक लाख 37 हजार रुपये
बीते सात सालों में जेल में रहने के दौरान तीन दोषियों ने मेहनत करते हुए कुल एक लाख 37 हजार रुपए की कमाई की है। विशेष बात यह है कि इस दौरान मुजरिम मुकेश ने मेहनत का कोई कार्य नहीं किया। जेल में मजदूरी करने के लिए अक्षय ने 69,000, पवन ने 29,000 रुपये और विनय ने 39,000 रुपये की कमाई की है। कहा जा रहा है कि फांसी के बाद यह राशि उनके परिजनों को दी जाएगी।
नहीं कर पाए 10वीं की परीक्षा पास
जेल के नियमों के अनुसार मुजरिम मुकेश, पवन और अक्षय ने जेल में रहने के दौरान वर्ष 2016 में 10वीं की परीक्षा के लिए प्राइवेट छात्र के रूप में आवेदन किया था। इसके लिए तीनों परीक्षा में भी बैठे थे, लेकिन बेहतर तैयारी नहीं कर पाने के कारण वह परीक्षा पास नहीं कर सके। इसी प्रकार विनय ने 2015 में स्नातक की डिग्री के लिए आवेदन किया था, लेकिन वह उसे पूरा नहीं कर पाया।
चारों मुजरिमों को फांसी से पहले दो बार परिवार से मिलने की अनुमति
जेल नियमों के अनुसार फांसी दिए जाने वाले मुजरिमों को फांसी से पहले दो बाद अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी जाती है। इसके तहत चारों मुजरिम अपने परिवार वालों से मुलाकात कर चुके हैं। मामले में सबसे अधिक सजा पा चुके विनय ने मंगलवार को अपने पिता से मुलाकात की थी। चारों मुजरिमों को अन्य कैदियों से अलग एकांत बैरक में रखा जा रहा है और CCTV के जरिए उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
राष्ट्रपति के पास भेजी दया की गुहार
सुप्रीम कोर्ट की ओर से मंगलवार को मुजरिम विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज किए जाने के बाद अब मुकेश ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजकर आपनी जान बख्सने की गुहार लगाई है। यदि राष्ट्रपति भी उसे खारिज कर देते हैं तो फिर मुकेश को फंदे पर लटकने से कोई नहीं बचा सकता है। इसी प्रकार अक्षय और पवन की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने की तैयारी की जा रही है।
निर्भया केस की अब तक की कहानी
करीब सात साल पहले 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में निर्भया से गैंगरेप हुआ था। आरोपियों की बर्बरता के कारण निर्भया की मौत हो गई थी। पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक नाबालिग अपनी सजा पूरी कर रिहा हो गया था और एक अन्य ने जेल में आत्महत्या कर ली थी। पटियाला हाउस कोर्ट ने चार अन्य मुजरिम पवन, विनय, मुकेश और अक्षय के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया था।