पंजाब: 4 दिन पहले बोरवेल में गिरे बच्चे का आज जन्मदिन, बचाव अभियान जारी
पंजाब के संगरूर में 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरे 2 साल के फतेहवीर सिंह को 4 दिन के प्रयास के बावजूद बाहर नहीं निकाला जा सका है। अपने माता-पिता की अकेली संतान फतेहवीर गुरुवार को बोरवेल में गिरा था। खेत में स्थित यह बोरवेल उपयोग में नहीं था। तभी से बच्चे के पास खाना और पानी नहीं पहुंच सका है। हालांकि उसे ऑक्सीजन लगातार पहुंचाई जा रही है। लोग बच्चे के सकुशल बाहर निकलने की दुआ कर रहे हैं।
खेलते वक्त बोरवेल में गिरा बच्चा
गुरुवार को अपने घर के पास खेल रहे फतेहवीर ने गलती से बोरवेल पर पैर रख दिया, जोकि एक कपड़े से ढका हुआ था। उसकी मां ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन असफल रही। NDRF की टीम पुलिस, स्थानीय प्रशासन, ग्रामीणों और स्वयंसेवकों की सहायता से बचान अभियान चला रही है। बचाव दल की योजना बोरवेल के समानांतर एक गड्ढा खोदने और उचित गहराई पर पहुंचने पर 2-3 फुट की सुरंग के जरिए दोनों गड्ढों को जोड़ने की है।
रस्सी के जरिए निकालने की कोशिश रही नाकाम
समानांतर गड्ढे में 36 इंच के RCC पाइप लगाए गए हैं। रविवार को दल बच्चे के बेहद नजदीक पहुंच गया, लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण अभियान को रोकना पड़ा। उन्होंने बच्चे को रस्सी के सहारे बाहर निकालने की कोशिश भी की, लेकिन नाकाम रहे।
आज है फतेहवीर का जन्मदिन
आज फतेहवीर का जन्मदिन भी है। कई इलाकों से मौके पर जमा हुए लोग बच्चे की सलामती की दुआ कर रहे हैं। कुछ ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर फतेहवीर को बोरवेल से बाहर निकालने में देरी करने का आरोप लगाया है। उनके गुस्से को भांपते हुए बच्चे के दादा ने उनसे धैर्य बनाए रखने को कहा। पुलिस ने लोगों को बचाव स्थल पर आने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाए हैं और पुलिस बल की तैनाती की गई है।
राजनीतिक नेताओं का आना-जाना जारी
इस बीच मौके पर राजनीतिक नेताओं को आना-जाना लगा हुआ है। राज्य के PWD मंत्री विजय इंदर सिंगला ने संगरूर में ही डेरा डाला हुआ है। उन्होंने बताया कि पूरा बचाव दल बच्चे को सकुशल बाहर निकालने के लिए जमकर मेहनत कर रहा है। वहीं, बचाव स्थल पर पहुंचे अकाली दल के नेता परविंदर सिंह धिंडसा ने कहा कि NDRF टीम के पास जरूरी उपकरण नहीं है। सिख धार्मिक उपदेशक बलजीत सिंह दादूवाल भी मौके पर पहुंचे।
बच्चों के लिए जानलेवा सिद्ध होते हैं खुले हुए बोरवेल
कई बार खुले बोरवेल बच्चों के लिए घातक सिद्ध हुए हैं। 2006 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 5 वर्षीय प्रिंस के बोरवेल में गिरने की घटना को शायद ही कोई भूला हो। उसे 48 घंटे बाद सकुशल बाहर निकाला गया था। मीडिया ने बचाव कार्य को बहुत बड़े स्तर पर कवर किया था। इस साल मार्च में हरियाणा के हिसार में एक 18 महीने के बच्चे को बोरवेल में गिरने के 2 दिन बाद सकुशल बाहर निकाला गया था।