मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सरकार ने पूर्व जज की अध्यक्षता में गठित की समिति
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने मणिपुर में पिछले महीने हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए एक 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है।
इस समिति की अध्यक्षता गुजरात हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस अजय लांबा करेंगे, जबकि पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हिमांशु शेखर दास और पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS)अधिकारी अलोक प्रभाकर इसके सदस्य होंगे।
गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई को दो समुदायों के बीच तनाव के बाद हिंसा भड़क गई थी।
हिंसा
मणिपुर में कैसे हुई थी हिंसा की शुरुआत?
कुकी आदिवासियों ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिये जाने के विरोध में 3 मई को एकजुटता मार्च निकाली थी। इसके बाद एक हफ्ते से ज्यादा समय तक मणिपुर में हिंसक झड़पें होती रहीं।
इस हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैंकड़ों घरों के जलने के कारण हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। वहीं सुरक्षाबलों ने कई उग्रवादियों को मार गिराया था।
जांच
समिति किन-किन बिंदुओं पर करेगी जांच?
अधिसूचना के मुताबिक, समिति हिंसा की शुरुआत होने के पीछे के कारणों की गहनता से जांच करेगी। समिति हिंसा को रोकने के लिए प्रशासनिक या पुलिस स्तर पर कथित तौर पर बरती गई लापरवाही की जांच भी करेगी। इसके लिए 6 महीने का समय दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह महिनपुर के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा की जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित समिति से करवाने की घोषणा की थी।
बयान
मणिपुर में सामान्य स्थिति हो रही है बहाल- अधिकारी
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में धीरे-धीरे शांति लौट रही है और सामान्य स्थिति बहाल हो रही है।
उन्होंने कहा, "मणिपुर में नागरिक संगठन लोगों के साथ समन्वय कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में मणिपुर में गोलीबारी और आगजनी की कोई घटना नहीं हुई है। असम राइफल्स समेत अन्य सुरक्षाबलों ने पिछले 24 घंटों में 35 हथियार और 88 बम बरामद किए हैं।"
अपील
गृह मंत्री ने लोगों से की नेशनल हाईवे खोलने की अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नेशनल हाईवे को खोलने की अपील की है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'मणिपुर के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि इंफाल-दीमापुर नेशनल हाईवे-2 पर लगे अवरोधों को हटा लें, जिससे भोजन, दवाइयां, पेट्रोल, डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों तक पहुंच सकें। मैं अनुरोध करता हूं कि नागरिक संगठन आम सहमति बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। हम सब मिलकर ही इस खूबसूरत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल कर सकते हैं।"