मणिपुर हिंसा: चुराचांदपुर में कर्फ्यू में मिली ढील, मुख्यमंत्री बोले- सुधर रहे हैं हालात
मणिपुर में 4 दिन बाद हालात अब धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। प्रशासन ने हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर जिले में आज सुबह 7 से 10 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी। इस दौरान लोगों को जरूरी सामान खरीदने की अनुमति दी गई। बतौर रिपोर्ट्स राज्य में हुई हिंसा में अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। दूसरी तरफ मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
सुरक्षित स्थान पर भेजे गए 13,000 लोग
राज्य में जारी हिंसा के बीच 13,000 लोगों को राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। फिलहाल 8 जिलों में कर्फ्यू लागू है और मणिपुर घाटी वाला इलाका हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित बताया जा रहा है। करीब 1,000 लोग सीमा पार कर असम चले गए हैं। हिंसा में अब तक 52 लोगों की मौत और करीब 100 लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि, पुलिस या स्थानीय प्रशासन ने इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं की है।
मुख्यमंत्री ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हिंसा को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने सुरक्षाबलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। उन्होंने दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था सुधर रही है। उन्होंने जनता से भी शांति व्यवस्था बनाए रखने और हिंसा में भाग न लेने की अपील की। कर्फ्यू में ढील का ऐलान करते हुए उन्होंने इस फैसले पर खुशी जताई।
ड्रोन से रखी जा रही निगरानी
कर्फ्यू में ढील के बीच इंफाल घाटी में सेना ने हवाई निगरानी बढ़ा दी है। हेलिकॉप्टर और ड्रोन से हिंसाग्रस्त इलाकों की निगरानी की जा रही है। सुरक्षाबलों की कई कंपनियां राज्य में तैनात है। सेना अफवाहों पर भी तुरंत एक्शन ले रही है। 5 मई को एक ट्रक में प्रदर्शनकारियों के होने की जानकारी मिली। सेना ने ट्रक को रोका तो उसमें 51 दिहाड़ी मजदूर निकले, जो असम के थे।
राज्य में नहीं लगी है धारा 355
पहले खबर आई थी कि केंद्र सरकार ने मणिपुर में धारा 355 को लागू कर दिया है। अब मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने ऐसी खबरों का खंडन किया है। शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, "राज्य में धारा 355 लागू नहीं की गई है। कुछ तत्वों ने भ्रम फैलाया है।" बता दें कि धारा 355 के जरिए केंद्र सरकार किसी भी राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा अपने हाथ में ले सकती है।
मणिपुर में NEET (UG) परीक्षा स्थगित
मणिपुर में हिंसा को देखते हुए NEET (UG) परीक्षा स्थगित कर दी गई है। बता दें कि मणिपुर के दो परीक्षा केंद्रों पर 5,751 छात्रों को परीक्षा देनी थी। जल्द ही परीक्षा की नई तारीख घोषित की जाएगी। मणिपुर में कई राज्यों के छात्रों के फंसे होने की भी खबर है। उत्तर प्रदेश के 60, उत्तराखंड की एक शोध छात्रा, त्रिपुरा और राजस्थान समेत कई राज्यों के छात्र मणिपुर में फंस गए हैं।
मणिपुर में क्यों हो रही है हिंसा?
हिंसा के पीछे की वजह गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग से जुड़ी है। मैतेई समुदाय खुद के लिए ST दर्जे की मांग कर रहा है, जिसके लिए समुदाय ने मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। राज्य का आदिवासी समुदाय इस मांग का विरोध कर रहा है। आदिवासियों ने इसके विरोध में बुधवार को प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसके बाद राज्य के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी।