मणिपुर: भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 29 पहुंची, 34 लोग अभी भी लापता
मणिपुर के नोनी जिले में रेलवे के निर्माणस्थल पर हुए भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या 29 पहुंच गई है। राहत और बचाव कार्यों में जुटे अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को आठ लोगों के शव मिले। मरने वाले कुल 29 लोगों में से एक सैनिक समेत आठ असम के रहने वाले हैं। 29 जून को टुपुल यार्ड रेलवे निर्माणस्थल पर हुए भूस्खलन के मलबे में अभी भी 34 लोग फंसे हुए हैं।
लगातार भारी बारिश के कारण हुआ भूस्खलन
नॉर्दर्न फ्रंटियर रेलवे के मुख्य सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) ने बताया कि बुधवार देर रात भूस्खलन में जिरीबाम से इंफाल तक निर्माणाधीन रेलवे लाइन सुरक्षा के लिए तैनात भारतीय सेना की 107 प्रादेशिक सेना का कैंप भी चपेट में आ गया है। लगातार भारी बारिश के बीच भूस्खलन से टुपुल स्टेशन की इमारत और ट्रैक निर्माण को भी नुकसान पहुंचा है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया था।
शनिवार को मिले प्रादेशिक सेना के पांच जवानों के शव
शनिवार को जिन आठ लोगों के शव मिले, उनमें से पांच प्रादेशिक सेना के जवान और एक निर्माण कंपनी के कर्मचारी का शव था। बाकी दो लोगों की पहचान होना अभी बाकी है। एक अधिकारी ने बताया कि दो निर्माण कंपनियों के 14 और रेलवे के तीन कर्मचारियों और पांच ग्रामीणों समेत 34 लोग अभी भी लापता है। खराब मौसम के कारण मलबे में उनकी तलाश और राहत अभियान प्रभावित हो रहा है।
राहत अभियान में लगे हैं 470 कर्मचारी
असम राइफल्स, राज्य पुलिस, NDRF, SDRF के कर्मचारियों और स्थानीय वॉलेंटियरों समेत 470 लोग राहत और बचाव अभियान में लगे हुए हैं। मलबे को हटाने के लिए 30 मशीनों को तैनात किया गया है।
विशेष तकनीकों और कुत्ते की भी ला जा रही मदद
गुवाहाटी में स्थित सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि मलबे में लोगों का पता लगाने के लिए वॉल राडार और एक कुत्ते की मदद ली जा रही है। वॉल राडार को सेना दीवारों के पीछे अपने लक्ष्यों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल करती है। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक मलबे से निकाले गए कुल 14 सैनिकों के शवों को इंफाल में राजकीय सम्मान देकर उनके गृह शहर में भेजा जा चुका है।
घटनास्थल पर पहुंचे असम के मंत्री
राहत और बचाव अभियान के बीच असम सरकार में मंत्री पीजूष हजारिका ने टुपुल का दौरा किया। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस हादसे को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि बचाव अभियान पूरी तेजी से चल रहा है। असम का रहने वाला एक रेलवे इंजीनियर और निर्माण कंपनी के 11 कर्मचारी अभी लापता हैं। पांच लोगों को जिंदा बचा लिया गया है, जिनमें से दो अस्पताल में भर्ती हैं।