जम्मू-कश्मीर: पांच जिलों से इस साल कोई युवा नहीं हुआ आतंकी संगठनों में भर्ती
कश्मीर संभाग के 10 जिलों में से पांच से इस साल एक भी स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में भर्ती नहीं हुआ है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि कुपवाड़ा, गांदरबल, बांदीपोरा, बारामूला और अनंतनाग जिले से इस साल एक भी युवा आतंकी संगठनों में नहीं गया है। इसके साथ ही घाटी में सक्रिय स्थानीय आंतकियों की संख्या भी अब घटकर 53 रह गई है। आइये यह खबर विस्तार से जानते हैं।
जम्मू-कश्मीर में घटी सक्रिय आतंकियों की संख्या
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दिसंबर की तुलना में इस साल जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या कम हुई है। दिसंबर, 2021 में यहां 184 सक्रिय आतंकी थे, जो इस साल कम होकर 135 रह गए हैं। इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण स्थानीय युवाओं का आतंकी संगठनों में भर्ती न होना माना जा रहा है। पिछले साल घाटी में 99 स्थानीय आतंकी सक्रिय थे, जो अब 53 रह गए हैं।
इस वजह से नहीं भर्ती हो रहे युवा
सूत्रों ने बताया कि आतंकियों का महिमामंडन करने वाली ऑनलाइन गतिविधियों पर रोक लगी है और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जमात-ए-इस्लामी जैसे अलगाववादी संगठनों का भी प्रभाव कम हुआ है। इसके अलावा सरकार और सेना की तरफ से उठाए गए आतंकरोधी कदमों के चलते युवा आतंकी संगठनों की तरफ आकर्षित नहीं हो रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ समय में सरकारी एजेंसियों ने आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।
आतंक के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस की नीति आ रही काम- अधिकारी
एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति और केंद्र शासित प्रदेश में हुए विकास के चलते अब युवा खेल और पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। अब वो आतंकी संगठनों में नहीं जा रहे हैं।
इस साल ढेर हुए 174 आतंकवादी
गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इस साल नवंबर की शुरुआत तक घाटी में 176 आतंकियों को ढेर किया गया था। इनमें से 126 स्थानीय और 50 विदेशी आतंकी थे। मरने वाले आतंकियों में से अधिकतर लश्कर-ए-तैयबा, द रजिस्टेंस फोर्स, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन से जुड़े हुए थे। हालांकि, इस साल आतंकियों ने सुरक्षाबलों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी निशाना बनाया था। इन घटनाओं में कई आम लोगों की गोली मारकर हत्या की गई थी।
अब घाटी में विदेशी आतंकी ज्यादा
स्थानीय युवाओं की भर्ती रुकने के चलते अब जम्मू-कश्मीर में विदेशी आतंकियों की संख्या ज्यादा हो गई है। पिछले कुछ सालों में बड़े स्तर पर आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती होती थी, जिस कारण उनकी संख्या विदेशी आतंकियों से ज्यादा होती थी, लेकिन अब यह ट्रेंड बदला है। आतंकी संगठनों ने 2018 में 187, 2019 में 121, 2020 में 181 और 2021 में 142 स्थानीय युवाओं को भर्ती किया था।