छह महीने से बंद पड़े अकाउंट बंद करेगी ट्विटर, जानें क्यों लिया गया यह फैसला
माइक्रोब्लोगिंग साइट ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर बड़ा बदलाव करने जा रही है। कंपनी ने कहा है कि वह लंबे समय से निष्क्रिय पड़े अकाउंट को बंद करेगी। कंपनी ने बुधवार को जानकारी दी कि वह ऐसे हजारों अकाउंट बंद करने वाली हैं, जिन्हें पिछले छह महीने से खोला नहीं गया है। ट्विटर के इस कदम से कंपनी के यूजर कम होने के साथ-साथ हजारों की संख्या में यूजरनेम भी फिर से उपलब्ध हो जाएंगे।
यूजर्स को ईमेल भेजकर सूचित कर रही कंपनी
ट्विटर ने अपने बयान में बताया कि वह छह महीने से लॉग-आउट पड़े सभी अकाउंट बंद करने वाली है। इसकी सूचना देने के लिए कंपनी उन अकाउंट होल्डर को ईमेल भेज रही है। इसमें कहा गया है कि अगर आप अकाउंट जारी रखना चाहते हैं तो 11 दिसंबर से पहले उसमें साइन-इन करना जरूरी है। हालांकि, अकाउंट डिलीट करने की यह पूरी प्रक्रिया एक-दो सप्ताह में खत्म न होकर कई महीनों तक जारी रह सकती है।
मृत लोगों के अकाउंट भी किए जाएंगे बंद
ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, "हम निष्क्रिय पड़े अकाउंट्स को बंद करने जा रहे हैं ताकि लोगों को ट्विटर पर भरोसेमंद सूचनाएं मिलें। इस मुहिम के जरिए हम लोगों को लोगों को अपने अकाउंट्स को इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।" इस कदम के जरिए मृत लोगों के अकाउंट भी बंद किए जाएंगे। फेसबुक की तरह ट्विटर पर मृत लोगों के 'मेमोरियलाइज अकाउंट्स' रखने का कोई प्रावधान नहीं है। ट्विटर इस नियम पर विचार कर रही है।
याहू ने भी उठाया था ऐसा कदम
ट्विटर से पहले याहू ने भी ऐसा कदम उठाया था, जिसमें हजारों की संख्या में निष्क्रिय पड़े अकाउंट्स को बंद किया गया था। याहू ने 2013 में ऐसे अकाउंट को बंद किया था, जिन्हें एक साल से खोला नहीं गया था।
ट्विटर पर दिखने बंद हुए राजनीतिक विज्ञापन
ट्विटर के CEO जैक डॉर्सी ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि कंपनी के प्लेटफॉर्म पर किसी तरह के राजनीतिक विज्ञापन नहीं दिखाए जाएंगे। यह नई पॉलिसी 22 नवंबर से लागू हो गई है। कंपनी ने बयान में कहा कि ट्विटर पर उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों, सरकारों या अधिकारियों, पब्लिक अकाउंट कमेटियों और विशेष राजनीतिक गैर-लाभकारी संगठनों का कोई राजनीतिक कंटेंट प्रमोट नहीं किया जाएगा। ट्विटर के इस फैसले से फेसबुक पर दबाव बढ़ गया है।