वरिष्ठ IPS अधिकारी रवि सिन्हा होंगे RAW के नए प्रमुख, 2 वर्ष का होगा कार्यकाल
क्या है खबर?
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी रवि सिन्हा देश की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के नए प्रमुख होंगे। केंद्र सरकार ने सोमवार को उनके नाम पर मुहर लगा दी।
वर्तमान में केंद्रीय सचिवालय में विशेष सचिव के पद पर तैनात अधिकारी सिन्हा का कार्यकाल 2 वर्षों का होगा।
सिन्हा RAW के मौजूदा प्रमुख सामंत कुमार गोयल की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है।
परिचय
1988 बैच के अधिकारी हैं रवि सिन्हा
सिन्हा ने दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई की है और वह 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के अधिकारी हैं। उन्हें खुफिया तंत्र में उनकी दक्षता के लिए जाना जाता है और वह कई अभियानों का हिस्सा रह चुके हैं।
सिन्हा जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत समेत कई क्षेत्रों में विभिन्न क्षमताओं में काम कर चुके हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
परिचय
30 जून को खत्म होगा RAW के मौजूदा प्रमुख गोयल का कार्यकाल
सामंत कुमार गोयल को 26 जून, 2019 को अनिल धस्माना की जगह RAW के प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया गया था। पिछले साल जून में उनका कार्यकाल 1 वर्ष के लिए बढ़ाया गया था, जो 30 जून को समाप्त हो रहा है।
उन्होंने पंजाब में उग्रवाद पर लगाम लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गोयल 2019 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में की गई बालाकोट एयर स्ट्राइक की योजना बनाने में भी शामिल थे।
कार्य
क्या होता है RAW प्रमुख का कार्य?
RAW के प्रमुख को कैबिनेट सचिवालय में सचिव के तौर पर नामित किया जाता है। यह कैबिनेट सचिव को रिपोर्ट करते हैं, जो प्रधानमंत्री को जानकारी देते हैं।
RAW प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के साथ भी विभिन्न अभियानों को लेकर चर्चा करते हैं, जिसके बाद रणनीति तैयार की जाती है।
RAW प्रमुख और उनकी टीम पर भारत पर मंडरा रहे किसी भी तरह के आतंकवादी खतरे को समय रहते रोकने की जिम्मेदारी भी होती है।
संगठन
RAW क्या है?
RAW भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी है। इसका प्राथमिक कार्य विदेशी खुफिया जानकारी एकत्र कर आतंकवाद का मुकाबला करना है।
भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने इसका गठन 54 वर्ष पहले 21 सितंबर, 1968 को किया था।
RAW के सभी अधिकारी और कर्मचारी बेहद गोपनीय तरीके से देश विरोधी गतिविधियों की निगरानी करते हैं। इनमें अधिकतर IPS अधिकारी और केंद्रीय सेवाओं के अधिकारी होते हैं।