दिल्ली: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पास, बारिश से दोबारा बढ़ने की आशंका
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास बना हुआ है। पिछले सप्ताह दिल्ली में आई बाढ़ के बाद यमुना के जलस्तर में कमी देखी गई है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण इसके जलस्तर में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक, शनिवार सुबह 9 बजे यमुना का जलस्तर 205.29 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है।
हथिनीकुंड बैराज में जलस्तर में हुई तेज वृद्धि
पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों में हुई बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज में जलस्तर में तेज वृद्धि देखी गई है। भारी बारिश के बाद हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह दर शनिवार सुबह 8 बजे 87,177 क्यूसेक से बढ़कर दोपहर 12 बजे 2,40,832 क्यूसेक हो गया। बता दें कि हथिनीकुंड बैराज में पानी का बढ़ना दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने के पीछे एक मुख्य कारण है।
यमुना के जलस्तर में हो सकती है बढ़ोतरी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। पहाड़ी इलाकों में तेज बारिश होने के कारण दिल्ली में यमुना के जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की गति धीमी हो सकती है और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है। इसके अलावा पीने के पानी की आपूर्ति भी बाधित हो सकती है।
बारिश के बावजूद अधिक खतरा नहीं- विषेशज्ञ
बांधों और नदियों पर दक्षिण एशिया नेटवर्क के एसोसिएट समन्वयक भीम सिंह रावत ने बताया कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश कम हो रही है और हथिनीकुंड बैराज से पानी का बहाव 3 लाख क्यूसेक के निशान को पार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि CWC का हाइड्रोग्राफ भी बाटा नदी को छोड़कर पहाड़ियों में नदियों में ज्यादा वृद्धि नहीं दिखा रहा है और ऊपरी क्षेत्रों में बारिश के बीच पिछले कुछ दिनों में जलस्तर में मामूली उतार-चढ़ाव हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भूस्खलन
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। राजधानी शिमला के रामपुर इलाके में कई घर ढह गए, जबकि कुछ घरों में दरारें आ गईं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है और प्रशासन विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन के कारण फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।