संसद में केंद्र सरकार का जवाब, बिहार विशेष दर्जे के मानदंड पर फिट नहीं बैठता
बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग काफी समय से उठ रही है। सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने फिर यह मुद्दा उठाया, जिस पर केंद्र सरकार का जवाब मिला। बिहार के झंझारपुर से JDU सांसद रामप्रीत मंडल ने लोकसभा में सवाल उठाया कि क्या आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए बाहर राज्य और अन्य अत्यधिक पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य दर्जा प्रदान करने का विचार है?
क्या दिया केंद्र सरकार ने जवाब?
सवाल पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि पहले राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) ने कुछ राज्यों को योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा दिया था, जिनकी कई विशेषताएं थीं और विशेष ध्यान देने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि इन विशेषताओं में पहाड़, कठिन भू-भाग, बड़ी जनजातीय आबादी और कम जनसंख्या, पड़ोसी देशों के साथ सीमा आदि समेत कई अन्य शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व में बिहार के अनुरोध पर जांच भी हुई।
आगे क्या बताया?
पंकज चौधरी ने बताया कि बिहार के अनुरोध पर विशेष श्रेणी दर्जा देने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समूह ने भी विचार किया और 2012 में रिपोर्ट दी। समूह ने रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला था कि NDC के मौजूदा मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है। इस जवाब के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा है।