महिला और जुड़वा नवजात बच्चियों की हत्या करने वाले 2 पूर्व सैनिक 19 साल बाद गिरफ्तार
क्या है खबर?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को एक 24 वर्षीय महिला और उसकी 17 दिन की जुड़वां नवजात बेटियों की हत्या के करीब 19 साल पुराने में बड़ी सफलता मिली है।
CBI ने मामले से जुड़े महिला के प्रेमी पूर्व सैनिक और उसके साथी को शनिवार को पुदुचेरी से गिरफ्तार कर लिया। दोनों वहां अपनी पहचान बदलकर रह रहे थे।
CBI ने दोनों को एर्नाकुलम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदलात में पेश किया, जहां से उन्हें 18 जनवरी तक रिमांड पर भेज दिया।
प्रकरण
क्या है हत्या का पूरा मामला?
CBI के अनुसार, 10 फरवरी, 2006 को केरल में कोल्लम जिले के येरम निवासी रंजिनी और उनकी नवजात बेटियों की उनके किराए के घर में हत्या कर दी गई थी।
पंचायत कार्यालय से जुड़वां बेटियों का जन्म प्रमाणपत्र लेकर लौटी रंजिनी की मां ने सबसे पहले शवों को देखा था।
पुलिस जांच में सामने आया कि अंचल निवासी और पठानकोट में भारतीय सेना की 45AD रेजिमेंट में तैनात दिबिल कुमार बी के रंजिनी के साथ प्रेम संबंध थे।
इनकार
बेटियों के जन्म के बाद दिबिल ने किया रंजिनी को अपनाने से इनकार
जांच के अनुसार, 24 जनवरी, 2006 को रंजिनी के जुड़वां बेटियों को जन्म देते ही दिबिल ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया और उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी।
इस पर जब रंजिनी की मां ने केरल राज्य महिला आयोग पहुंची तो आयोग ने जुड़वा बेटियों के पितृत्व को स्थापित करने के लिए जांच का आदेश दे दिया।
इससे दिबिल क्रोधित हो गया और कथित तौर पर उसने रंजिनी और बेटियों की हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी।
सहयोग
दिबिल ने वारदात में ली सैनिक साथी की मदद
NDTV ने CBI अधिकारियों के हवाले से लिखा कि दिबिल ने हत्या की साजिश में उसी रेजिमेंट में कार्यरत अपने दोस्त राजेश पी को भी शामिल कर लिया।
राजेश ने रंजिनी और उसकी मां से दोस्ती बढ़ाई और आश्वासन दिया कि वह दिबिल को शादी के लिए राजी कर लेगा।
हालांकि, वह दिबिल को इनपुट देता रहा और 10 फरवरी को मौका पाकर दिबिल के साथ मिलकर रंजिनी और उसकी नवजात बेटियों की हत्या कर दी।
योजना
वारदात के बाद फरार हुए दिबिल और राजेश
CBI अधिकारियों ने बताया कि जांच के आधार पर पुलिस दिबिल और राजेश से पूछताछ करने के लिए पठानकोट स्थित रेजिमेंट पहुंची, लेकिन वहां पता चला कि दोनों कई दिनों से गैरहाजिर हैं।
इसके बाद पुलिस उनकी तलाश में जुटी रही। हालांकि, पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय सेना ने मार्च 2006 में दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया।
पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए 2 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
सफलता
CBI को आखिर कैसे मिली सफलता?
लंबी सुनवाई के बाद 2010 में केरल हाई कोर्ट ने जांच CBI को सौंप दी, लेकिन वह भी आरोपियों को गिरफ्तार करने में असफल रही।
गत दिनों उसे दोनों आरोपियों के पहचान बदलकर पुदुचेरी में रहने की सूचना मिल गई।
इसके बाद CBI की टीम मौके पर पहुंची और पाया कि दोनों ने पहचान बदलकर नए आधार कार्ड भी बनवा लिए। उन्होंने 2 अध्यापिकाओं से शादी कर ली और उनके बच्चे भी है। बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया।