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पुडुचेरी: भाजपा ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किरण बेदी को उपराज्यपाल पद से क्यों हटाया?

पुडुचेरी: भाजपा ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किरण बेदी को उपराज्यपाल पद से क्यों हटाया?

Feb 17, 2021
04:56 pm

क्या है खबर?

पुडुचेरी में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर छाए संकट के बीच किरण बेदी को उपराज्यपाल के पद से हटाकर केंद्र की भाजपा सरकार ने सबको चौंका दिया है। मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के इस फैसले ने कई अटकलों को जन्म दिया है और इसे विधानसभा चुनाव की उसकी रणनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है। चलिए फिर जानते हैं कि बेदी को उपराज्यपाल पद से हटाने के पीछे भाजपा की क्या रणनीति है।

रिपोर्ट

कांग्रेस से उसका सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा छीना

भाजपा के शीर्ष सूत्रों ने NDTV को बताया कि किरण बेदी को उपराज्यपाल के पद से हटाने के फैसले से भाजपा ने कांग्रेस से उसका सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा छीन लिया है। दरअसल, 2016 में बेदी के उपराज्यपाल बनने के बाद से ही कांग्रेस सरकार और उनके बीच शक्तियों के बंटवारे और प्रशासनिक मामलों को लेकर टकराव चल रहा था और मुख्यमंत्री वी नारायणसामी कई बार उन्हें पद हटाने के लिए धरना भी दे चुके थे।

मुद्दा

चुनाव प्रचार में बेदी को अहम मुद्दा बना रही थी कांग्रेस

विधानसभा चुनाव के प्रचार में भी कांग्रेस इसे एक बड़ा मुद्दा बना रही थी और केंद्र की भाजपा सरकार पर बेदी के जरिए राज्य सरकार के कामकाज में रोड़ा अटकाने का आरोप लगा रही थी। नारायणसामी पिछले हफ्ते बेदी की शिकायत लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भी पहुंचे थे और उनसे बेदी को उपराज्यपाल के पद से हटाने का अनुरोध किया था। अब भाजपा ने ऐसा करके चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से एक अहम मुद्दा छीन लिया है।

दूसरा कारण

सहयोगियों और समर्थकों को साधने की कोशिश

सूत्रों के अनुसार, भाजपा की सहयोगी पार्टी ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस (AINRC) भी किरण बेदी के रवैये से खुश नहीं थी और अब उन्हें पद से हटाकर भाजपा ने उसे साधने का काम किया है। इसके अलावा भाजपा ने कहीं और ट्रांसफर करने की बजाय बेदी को सीधे पद से हटाकर यह संदेश देने की कोशिश भी की है कि केंद्र की भाजपा सरकार भी बेदी से खुश नहीं है और मुद्दे पर पुडुचेरी के साथ है।

अन्य कारण

राष्ट्रपति शासन की संभावनाओं को देखते हुए भी लिया गया फैसला

सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने कांग्रेस की सरकार गिरने पर पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लागू होने की संभावनाओं को भी ध्यान में रखा है और नेतृत्व को लगता है कि इस परिस्थिति में बेदी का पुडुचेरी की सत्ता के शीर्ष पर होना भाजपा के लिए अच्छा नहीं होगा। भाजपा का मानना है कि ऐसा होने पर बेदी से जुड़े विवाद और उन पर केंद्रित कांग्रेस की चुनावी रणनीति विधानसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

लक्ष्य

पुडुचेरी में पहली बार सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा

बता दें कि 30 विधानसभा सीटों वाली पुडुचेरी में इसी साल मई में तमिलनाडु के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं। अभी तक पुडुचेरी में छोटी पार्टी रही भाजपा इस बार यहां सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है और उसने अर्जुन मेघवाल और राजीव चंद्रशेखर जैसे वरिष्ठ नेताओं को राज्य की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा कांग्रेस के कुछ बड़े स्थानीय नेता भी भाजपा में शामिल हुए हैं और उसे अन्य कुछ स्थानीय पार्टियों का साथ भी हासिल है।