पुडुचेरी: कांग्रेस सरकार पर संकट के बीच उपराज्यपाल के पद से हटाई गईं किरण बेदी
क्या है खबर?
पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार पर छाए संकट के बीच किरण बेदी को उपराज्यपाल के पद से हटा दिया गया है। मंगलवार रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आदेश जारी करते हुए बेदी को वापस बुला लिया।
उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल तामिलिसाई सौंदर्यराजन को फिलहाल पुडुचेरी के उपराज्यपाल की जिम्मेदारी संभालने को कहा है।
मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने इस आदेश को लोगों और धर्मनिरपेक्षता की जीत बताते हुए कहा कि पुडुचेरी के लोग किरण बेदी के निष्कासन का जश्न मना रहे हैं।
पृष्ठभूमि
बेदी को पद से हटाने के लिए कई बार धरना दे चुके हैं नारायणसामी
गौरतलब है कि 2016 में बेदी के उपराज्यपाल बनने के बाद से ही उनके और नारायणसामी के बीच कई बार शक्तियों के बंटवारे और प्रशासनिक मामलों को लेकर टकराव हो चुका है और नारायणसामी कई बार उनके खिलाफ धरना दे चुके हैं।
जनवरी में भी उन्होंने बेदी के खिलाफ धरना दिया था और उन पर राज्य की चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने देने और केंद्र सरकार के इशारों पर कामकाज में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया था।
जानकारी
सरकार के कामकाज में बेदी की दखल को बड़ा मुद्दा बना रही थी कांग्रेस
मई में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के प्रचार में भी कांग्रेस सरकार के कामकाज में बेदी की दखल को एक बड़ा मुद्दा बना रही थी और रिपोर्ट्स के अनुसार, उससे इस मुद्दे को छीनने के लिए ही भाजपा ने उन्हें पद से हटाया है।
बयान
विदाई पत्र में किरण बेदी ने कहा- जो किया, वो पवित्र कर्तव्य था
किरण बेदी ने अपने विदाई पत्र में उपराज्यपाल के तौर पर उनका साथ देने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया है।
उन्होंने लिखा, "मैं उपराज्यपाल के तौर पर पुडुचेरी की सेवा करने का लाइफ टाइम अनुभव देने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा करती हूं। मैं मेरे साथ करीबी से काम करने वालों का भी शुक्रिया अदा करती हूं... जो कुछ भी किया गया, वह मेरी संवैधानिक और नैतिक जिम्मेदारियों को पूरी करने का मेरा पवित्र कर्तव्य था।"
सियासी संकट
चार विधायकों के इस्तीफे के बाद बहुमत खो चुकी है कांग्रेस सरकार
किरण बेदी को उपराज्यपाल के पद से हटाने का ये आदेश ऐसे समय पर आया है जब अपने चार विधायकों के इस्तीफे के बाद पुडुचेरी में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार अपना बहुमत खो चुकी है।
पिछले महीने पार्टी विधायक ई थीपेंथन और PWD मंत्री ए नमासिवयम ने पार्टी से इस्तीफा दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। अब सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री एम कृष्णा राव और मंगलवार को विधायक जॉन कुमार ने इस्तीफा दे दिया।
स्थिति
क्या है विधानसभा की मौजूदा स्थिति?
इन इस्तीफों के साथ कुल 30 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 10 रह गई है।
अभी विधानसभा का संख्याबल 28 है और कांग्रेस सरकार को अपने 10, DMK के तीन और एक निर्दलीय विधायक समेत कुल 14 विधायकों का समर्थन हासिल है, जो बहुमत के आंकड़े 15 से एक कम है।
दूसरी तरफ विपक्ष में भी NR कांग्रेस के सात, AIADMK के चार और भाजपा के तीन समेत कुल 14 विधायक हैं।
आरोप
मुख्यमंत्री ने लगाया भाजपा पर 'ऑपरेशन कमल' शुरू करने का आरोप
एक के बाद एक अपने विधायकों के इस्तीफे के बीच मुख्यमंत्री नारायणसामी ने भाजपा पर पुडुचेरी में 'ऑपरेशन कमल' शुरू करने और अन्य राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों का तख्तापलट करने के लिए आजमाए गए तरीकों को पुडुचेरी में लागू करने का आरोप लगाया है।
विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए उन्होंने NDTV से कहा, "यह सबको पता है। लोग कह रहे हैं कि इस विधायक और इस मंत्री को खरीदा जा चुका है।"