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2 पूर्व सेना प्रमुखों की किताबों की लॉन्चिंग टली, क्या है विवाद?
सेना के 2 पूर्व अध्यक्षों की किताब पर विवाद हो रहा है

2 पूर्व सेना प्रमुखों की किताबों की लॉन्चिंग टली, क्या है विवाद?

लेखन आबिद खान
Jul 20, 2024
01:50 pm

क्या है खबर?

भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख रहे जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और जनरल निर्मल चंद्र विज की किताबों को लेकर विवाद हो रहा है। एनसी विज की किताब 'अलोन इन द रिंग' का 2 अगस्त को विमोचन होना था, जिसे अब टाल दिया गया है। दूसरी ओर, जनरल नरवणे की किताब 'फॉर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' पिछले करीब 6 महीने से प्रकाशन के लिए रुकी हुई है। आइए जानते हैं किताबों को लेकर क्या विवाद है।

कारगिल युद्ध

जनरल विज की किताब में है कारगिल युद्ध से जुड़ी जानकारी

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जनरल विज ने अपनी किताब में लिखा है कि भारतीय खुफिया एजेंसियां कारगिल युद्ध से पहले पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाजारों से खरीदे गए हथियारों का पता लगाने में गंभीर रूप से विफल रही थी। विज ने किताब में ये भी लिखा है कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) ने पाकिस्तान के साथ युद्ध की आशंकाओं का गलत आकलन किया था। RAW ने कहा था कि चालू वर्ष में पाकिस्तान के साथ युद्ध की संभावना नहीं है।

RAW

किताब में है RAW की नाकामियों का जिक्र

किताब में बताया गया है कि कारगिल समीक्षा समिति ने खुफिया विफलता के लिए मुख्य रूप से RAW को जिम्मेदार ठहराया था। जनरल विज ने लिखा, "पाकिस्तान को शुरुआत में ही सरप्राइज अटैक का फायदा मिला और खुफिया विफलता के कारण भारत की अप्रत्याशित नाकामी सामने आई। भारत को घुसपैठ का पता न केवल देर से चला, बल्कि हमारी खुफिया एजेंसियां ​​यह आकलन करने में भी असमर्थ थीं कि घुसपैठ आतंकवादियों ने की थी या पाकिस्तानी सेना ने।"

जनरल नरवणे

जनरल नरवणे की किताब में क्या है?

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जनरल नरवणे की किताब में चीन के साथ 2020 में हुई झड़प और अग्निपथ योजना की समीक्षा शामिल है। PTI के अनुसार, किताब में जनरल नरवणे ने 31 अगस्त, 2020 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बातचीत का जिक्र किया है। इसके अलावा लिखा गया है कि अग्निपथ योजना पर सबसे पहले उनके और प्रधानमंत्री के बीच चर्चा हुई थी, जिसमें योजना को 'सैनिक स्तर पर अल्पकालिक सेवा विकल्प' के तौर पर बताया गया था।

किताब

कब तक आ सकती हैं किताबें?

जनरल नरवणे की किताब की रक्षा मंत्रालय/सेना अधिकारियों द्वारा इस साल की शुरुआत से ही समीक्षा की जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि कि वे अपनी किताब की समीक्षा की वर्तमान स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। दूसरी ओर, जनरल विज की ने कहा, "2 दिन पहले सेना ने मुझे किताब की पांडुलिपि जमा करने के लिए बुलाया था, जो मैंने कर दी है।"